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कोरोना का पहला मामला सामने आते ही अलर्ट हुआ प्रशासन

छपरा. जिले के इसुआपुर थाना अंतर्गत एक गांव में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया. एक अप्रैल को ही छपरा सदर अस्पताल द्वारा उसके सैंपल को कलेक्टर कर जांच के पटना भेजा गया था. जिसके बाद दो अप्रैल को उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पायी गयी. गुरुवार की रात ही उसके बाद उसे सदर अस्पताल के […]

छपरा. जिले के इसुआपुर थाना अंतर्गत एक गांव में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया. एक अप्रैल को ही छपरा सदर अस्पताल द्वारा उसके सैंपल को कलेक्टर कर जांच के पटना भेजा गया था. जिसके बाद दो अप्रैल को उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पायी गयी. गुरुवार की रात ही उसके बाद उसे सदर अस्पताल के जीएनएम भवन में बने आइसोलेशन वार्ड में लाया गया. वहीं एहतियात के तौर पर उसके करीब 13 परिजनों को भी आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है. विदित हो कि सारण जिले में कोरोना पॉजिटिव होने का यह पहला मामला आया है. पहले कोरोना संक्रमित मरीज की पुष्टि होते ही सदर अस्पताल में चाक-चौबंद व्यवस्था कर दी गयी है. बिना किसी उपयुक्त कारण अस्पताल में किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं मिल रही है. राज्य सरकार से मिले निर्देश के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मरीज की जानकारी गोपनीय रखी. 17 मार्च को लंदन से गांव लौटा है युवक उक्त मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री समाने आयी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार वह 17 मार्च को लंदन से अपने गांव आया था. जिसके बाद वह 19 मार्च को पटना जांच के लिए गया. हालांकि तब उसमें किसी तरह के लक्षण नहीं मिले थे. पीएमसीएच के चिकित्सकों ने उसे गांव में ही परिजनों से अलग रखकर आइसोलेट रहने की सलाह दी थी. जिसके बाद वह अपने घर में ही एक अलग कमरे में रह रहा था. वह पुनः 29 मार्च को सदर अस्पताल में जांच के लिये आया. हालांकि उस दिन अस्पताल प्रशासन द्वारा उसकी जांच नहीं की जा सकी. जिसके बाद वह 30 मार्च को पुनः जांच के लिये आया. अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में उसे रखकर एक अप्रैल को उसकी जांच की गयी. उसके बाद दो अप्रैल को उसके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की गयी.रिपोर्ट आते ही हरकत में आया प्रशासन उसकी जांच रिपोर्ट आते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया. प्रशासन उसे 102 एंबुलेंस से उसे छपरा सदर अस्पताल लाया. हालांकि जिस एंबुलेंस से मरीज तथा उसके परिजनों को लाया गया. उसके भी ड्राइवर और स्टाफ को जांच के लिए करीब घंटों रोके अस्पताल प्रशासन द्वारा रखा गया है. इस संबंध में चालक का कहना था कि अस्पताल प्रबंधक ने उनको रुक कर जांच कराने की बात कही है. लेकिन करीब 12 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी उन लोगों की जांच नहीं हो पा रही है और न ही भोजन का ही प्रबंध किया गया.आइसोलेशन वार्ड में व्यवस्था को किया गया दुरुस्त कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने तथा बचाव के लिए सदर अस्पताल परिसर में जीएनएम स्कूल को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. जिसमें कोरोना वायरस के संक्रमित पॉजिटिव मरीज के परिजनों तथा रिश्तेदारों को लाकर भर्ती किया गया है. इसकी सफाई तथा कपड़ों की धुलाई के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसियों को व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है. सफाई का काम करने के लिए एक अलग एजेंसी को निर्देश दिया गया है. जबकि आइसोलेशन वार्ड में प्रयोग किये जाने वाले बेडशीट, तकिया, पर्दा तथा मरीजों के कपड़ों को संक्रमण मुक्त करने के लिए एक दूसरी एजेंसी को बहाल किया गया है. साथ ही आइसोलेशन वार्ड में तैनात कर्मचारियों को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं. जांच के लिए पहुंचा बहरीन से आया युवक उधर शुक्रवार को बहरीन अपने गांव मांझी के टंडवा आये एक युवक को कोरोना की जांच के लिए सदर अस्पताल लाया गया. विदित हो कि युवक 18 मार्च को अपने गांव आया है. जिसके बाद उसके जांच के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. उसे शुक्रवार को 102 एंबुलेंस सेवा से उसे सदर अस्पताल लाया गया. हालांकि जांच के लिए आया युवक खुलेआम जीएनएम परिसर में घूम रहा था. वहीं उसके इधर-उधर घूमने पर पूछे जाने पर उसने बताया कि अस्पताल प्रबंधक ने कहा है कि कर्मचारी के आने में थोड़ी देर है. आने के बाद जांच हो पायेगी. बाद में अस्पताल प्रबंधन ने उसकी जांच करायी. अब उसकी रिपोर्ट आने का इंतजार है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार वह 17 मार्च को लंदन से अपने गांव आया था. जिसके बाद वह 19 मार्च को पटना जांच के लिए गया. हालांकि तब उसमें किसी तरह के लक्षण नहीं मिले थे. पीएमसीएच के चिकित्सकों ने उसे गांव में ही परिजनों से अलग रखकर आइसोलेट रहने की सलाह दी थी. जिसके बाद वह अपने घर में ही एक अलग कमरे में रह रहा था. वह पुनः 29 मार्च को सदर अस्पताल में जांच के लिये आया. हालांकि उस दिन अस्पताल प्रशासन द्वारा उसकी जांच नहीं की जा सकी. जिसके बाद वह 30 मार्च को पुनः जांच के लिये आया. अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में उसे रखकर एक अप्रैल को उसकी जांच की गयी. उसके बाद दो अप्रैल को उसके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की गयी.रिपोर्ट आते ही हरकत में आया प्रशासन उसकी जांच रिपोर्ट आते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया. प्रशासन उसे 102 एंबुलेंस से उसे छपरा सदर अस्पताल लाया.

हालांकि जिस एंबुलेंस से मरीज तथा उसके परिजनों को लाया गया. उसके भी ड्राइवर और स्टाफ को जांच के लिए करीब घंटों रोके अस्पताल प्रशासन द्वारा रखा गया है. इस संबंध में चालक का कहना था कि अस्पताल प्रबंधक ने उनको रुक कर जांच कराने की बात कही है. लेकिन करीब 12 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी उन लोगों की जांच नहीं हो पा रही है और न ही भोजन का ही प्रबंध किया गया.आइसोलेशन वार्ड में व्यवस्था को किया गया दुरुस्त कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने तथा बचाव के लिए सदर अस्पताल परिसर में जीएनएम स्कूल को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. जिसमें कोरोना वायरस के संक्रमित पॉजिटिव मरीज के परिजनों तथा रिश्तेदारों को लाकर भर्ती किया गया है. इसकी सफाई तथा कपड़ों की धुलाई के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसियों को व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है. सफाई का काम करने के लिए एक अलग एजेंसी को निर्देश दिया गया है.

जबकि आइसोलेशन वार्ड में प्रयोग किये जाने वाले बेडशीट, तकिया, पर्दा तथा मरीजों के कपड़ों को संक्रमण मुक्त करने के लिए एक दूसरी एजेंसी को बहाल किया गया है. साथ ही आइसोलेशन वार्ड में तैनात कर्मचारियों को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं. जांच के लिए पहुंचा बहरीन से आया युवक उधर शुक्रवार को बहरीन अपने गांव मांझी के टंडवा आये एक युवक को कोरोना की जांच के लिए सदर अस्पताल लाया गया.

विदित हो कि युवक 18 मार्च को अपने गांव आया है. जिसके बाद उसके जांच के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. उसे शुक्रवार को 102 एंबुलेंस सेवा से उसे सदर अस्पताल लाया गया. हालांकि जांच के लिए आया युवक खुलेआम जीएनएम परिसर में घूम रहा था. वहीं उसके इधर-उधर घूमने पर पूछे जाने पर उसने बताया कि अस्पताल प्रबंधक ने कहा है कि कर्मचारी के आने में थोड़ी देर है. आने के बाद जांच हो पायेगी. बाद में अस्पताल प्रबंधन ने उसकी जांच करायी. अब उसकी रिपोर्ट आने का इंतजार है.

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