9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बम धमाकों से दहला नारायणपुर

घटना के बाद नारायणपुर में तनाव व भय में जी रहे हैं ग्रामीण गड़खा : थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव में मंगलवार की रात हुई तीहरे हत्याकांड को तीन वर्ष पहले अनिल राय के भगीना मनीष कुमार की हत्या के प्रतिशोध में हुई घटना माना जा रहा है. तीन वर्ष पहले अनिल राय के भगीना […]

घटना के बाद नारायणपुर में तनाव व भय में जी रहे हैं ग्रामीण
गड़खा : थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव में मंगलवार की रात हुई तीहरे हत्याकांड को तीन वर्ष पहले अनिल राय के भगीना मनीष कुमार की हत्या के प्रतिशोध में हुई घटना माना जा रहा है. तीन वर्ष पहले अनिल राय के भगीना की हत्या कर दी गयी थी. हत्या का कारण भूमि विवाद था.
तीन वर्षों से लगातार यह विवाद चला आ रहा है. पारस राय का पोता हरेराम राय अभी भी मनीष हत्याकांड में छपरा मंडल कारा में बंद है. इस दौरान पारस राय के तरफ से भी अनिल राय एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. जिसमें अनिल राय के खिलाफ पहले से न्यायालय से गिरफ्तारी का वारंट निर्गत किया गया है और व फरार चल रहा था. पारस राय के पुत्र राजेश्वर राय के चार पुत्रों में से एक पुत्र विजेंद्र, राजेश्वर राय के पिता पारस राय व माता बसमतियां देवी की हत्या गोली व बम मार कर की गयी है.
इस घटना के बाद से नारायणपुर गांव पुलिस छावनी में पूरी तरह दिन भर तब्दील रहा. पुलिस अधीक्षक से लेकर चौकीदार तक गांव में दिन भर डटे रहे. खबर लिखे जाने तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सका है. बताया जाता है कि 80 वर्षीय पारस राय अपनी पत्नी बासमती देवी, पुत्र विजेंद्र राय, बहु रसीला देवी, पौत्री 16 वर्षीय प्रतिमा कुमारी और हरे कृष्णा राय के साथ सोये हुए थे. तभी मध्य रात्रि को चार हमलावरों ने एक बम फेंक कर उनके घर के पीछे छुप गये. बम की आवाज सुनकर पारस राय परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बाहर निकले. इसी दौरान हमलावरों ने पारस राय के परिवार पर लाठी डंडे से वार शुरू कर दिया. इसी दौरान हमलावरों ने बमबारी शुरू कर दी. बम के चार धमाके हुए.
दो बम नहीं फट सके. हमलावरों ने 18 चक्र गोलियां चलायी. गोलियों की तड़तड़ाहट व बमों के धमाकों से पूरा इलाका दहल उठा. लोगों के पहुंचने के पहले ही हमलावर फरार हो चुके थे. हमलावरों ने गोली व बम मारकर 80 वर्षीय पारस राय, उनकी पत्नी 75 वर्षीय बासमती देवी और पौत्र 22 वर्षीय दिजेंद्र राय को मौत के घाट उतार दिया. गोली और बम लगने से राजेश्वर राय तथा उनकी पत्नी 45 वर्षीय रसीला देवी और पुत्री प्रतिमा कुमारी घायल हो गयी.
तीन वर्षों से पट्टीदारों से चला आ रहा है भूमि विवाद : पारस राय और उनके पट्टीदार अनिल राय के बीच 2014 से हीं भूमि विवाद चला आ रहा है. पहली बार 2014 में दोनों पक्षों के बीच भूमि विवाद हुआ था जिसमें दोनों पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़प में अनिल राय के भगिना मनीष की मौत हो गयी थी. इसके बाद से ही विवाद गहराता गया और इस मुकाम परपहुंच गया कि तीन लोगों की जान मनीष की हत्या के बदले में अनिल राय ने ले ली.
गोलीबारी और बमबारी से सहमे ग्रामीण : बेलगाम अपराधियों पर पुलिस की ढीली पकड़ से आम से खास लोग सहमें हैं और चिंतित हैं. 28 अप्रैल को परसा दरगाह गांव निवासी टेंट व्यवसायी शेख उस्मान के 22 वर्षीय पुत्र अफसर को गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. घटना के समय अफसर खाट पर सोया हुआ था और अपराधी गोली मार फरार हो गया था.
वहीं 7 मई को चिंतामणगंज बाजार स्थित मोबादल दुकानदार को अवतारनगर थाना क्षेत्र के खेमा ब्रह्मस्थान के समीप गोली मार हत्या कर दी गयी और लैपटॉप सहित बाइक लूटी गयी थी. 28 मई को लुटेरों ने सलहा महावीर मंदिर के समीप मोबाइल दुकानदार कदना कोल्ड स्टोर के समीप एक और मोबाइल दुकानदार और मेहिया के समीप दवा विक्रेता से रूपये और मोबाइल की लूट हुई थी, वहीं रामगढ़ा बसंत के बीच कई बाइकों को लूट होते रहते है.
हमलावर कई दिनों से बना रहे थे योजना : जब से अनील राय के भगीना मनीष की मौत मारपीट के दौरान घायल होन के बाद इलाज के क्रम में पीएमसीएच में हो गयी थी. तभी से बदला लेने की योजना बन रही थी. इधर 15 दिनों से हमलावर इस घटना को अंजाम देने की फिराक में थे. मंगलवार को देर शाम को चार लोगों ने घटना स्थल के समीप ही खाया-पिया था और जैसे ही पारस राय के परिवार गहरी नींद में सोया चार हमलावरों ने तीन लोगों को मौत की नींद सुला दिया. तीन को गंभीर रूप से घायल कर दिया.
घटनास्थल से पुलिस ने एक जिंदा गोली, दो बम, छह खोखा बरामद की है. घटना स्थल पर पहुंची पुलिस को आक्रोशित लोगों के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ा. पहली बार पुलिस को घटना स्थल से वापस लौटना पड़ा. जब गड़खा, डोरीगंज, अवतार नगर तथा भेल्दी थानाध्यक्ष पुलिस बलों के साथ पहुंचे तब गड़खा थाने की पुलिस घटना स्थल जाने की हिम्मत दिखायी. पुलिस ने आंगन से एक तथा घर के बाहर से एक जिंदा बम, एक जिंदा कारतुस और छ: खोखा बरामद की.
एएसपी मनीष कुमार ने घटना स्थल पर पहुंच लोगों को समझा बुझा शव उठाने का प्रयास किया. लेकिन स्थानीय लोग शव उठाने नहीं दे रहे थे.इसकी सूचना मिलने पर एसपी अनसुइया रण सिंह साहु, एसडीओ चेतनारायण राय, बीडीओ प्रशांत कुमार प्रसुन्न, सीओ आश्विनी कुमार चौबे, पुलिस निरीक्षक नवीन कुमार सिंह ने पहुंचकर आक्रोशित लोगों को काफी देर तक समझाते रहे. अंत में घटना के छ: घंटे बाद सुबह 9 बजे 70 हजार रूपये की सहायता दिये जाने के बाद शव उठाने दिया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें