दोनों में किसे माना जाये सही, किसे गलत पदाधिकारियों व कर्मचारियों में होती रहीं चर्चाएं
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चंद्रकिशोर व अवधेश दोनों कहते हैं खुद को डीइओ
दोनों में किसे माना जाये सही, किसे गलत पदाधिकारियों व कर्मचारियों में होती रहीं चर्चाएं छपरा (सदर) : सारण के डीइओ के पदभार के लिए दो-दो पदाधिकारी कुरसी पर अपना-अपना अधिकार बताते हुए अलग-अलग तर्क देते रहे, जिसकी डीइओ कार्यालय के पदाधिकारियों व कर्मियों के बीच चर्चाएं होती रहीं. डीइओ पद के दोनों दावेदारों में […]
छपरा (सदर) : सारण के डीइओ के पदभार के लिए दो-दो पदाधिकारी कुरसी पर अपना-अपना अधिकार बताते हुए अलग-अलग तर्क देते रहे, जिसकी डीइओ कार्यालय के पदाधिकारियों व कर्मियों के बीच चर्चाएं होती रहीं. डीइओ पद के दोनों दावेदारों में डीइओ रहने के दौरान निलंबित होने व पुन: कोर्ट के आदेश पर डीइओ होने का दावा करनेवाले चंद्रकिशोर प्रसाद यादव तथा 26 मई को चंद्रकिशोर प्रसाद यादव के निलंबन के बाद प्रभारी डीइओ बनाये गये अवधेश बिहारी शामिल हैं. सारण के पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी चंद्रकिशोर प्रसाद यादव जिन्हें विभाग ने निलंबित कर दिया था, उनका कहना है
कि विभाग द्वारा निलंबन के आदेश के खिलाफ वे पटना उच्च न्यायालय में गये थे, जिसमें सीडब्लू जेसी नंबर 7999/2016 में पटना उच्च न्यायालय ने सरकार के निलंबन के आदेश को रद्द करते हुए पुन: डीइओ पद पर तैनात किया है. वहीं, प्रभारी डीइओ अवधेश बिहारी का कहना है कि सरकार के आदेश से ही उन्हें डीइओ का प्रभार मिला है. सरकार का आदेश मिलने के बाद ही वे डीइओ का पद दूसरे को सौपेंगे. दोनों पदाधिकारी अपने को वास्तविक डीइओ बताने के साथ अलग-अलग कानूनी तर्क दे रहे हैं, जिसको लेकर विभागीय पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों में भी चर्चाएं होती रहीं.
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