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पाठशाला में शुरू से देनी होगी मानवीय मूल्यों की शिक्षा

छपरा : महिलाओं के साथ हो रहे अमानवीय कृत्यों से पूरे देश में उबाल है. सारण में भी अलग-अलग मंचों से इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी है. हैदराबाद, बक्सर, समस्तीपुर के बाद गोपालगंज में भी छेड़खानी का विरोध करने पर युवती पर तेजाब फेंक दिया […]

छपरा : महिलाओं के साथ हो रहे अमानवीय कृत्यों से पूरे देश में उबाल है. सारण में भी अलग-अलग मंचों से इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी है. हैदराबाद, बक्सर, समस्तीपुर के बाद गोपालगंज में भी छेड़खानी का विरोध करने पर युवती पर तेजाब फेंक दिया गया. उन्नाव में रेप पीड़िता को जिंदा जलाने की कोशिश की गयी.

इन सभी घटनाओं से समाज शर्मसार हो रहा है. सारण की महिलाओं, युवाओं व छात्र-छात्राओं ने एक स्वर में इन घटनाओं की आलोचना करते हुए कड़े कानून बनाने के साथ शिक्षा में नैतिक मूल्यों को स्थापित कर एक स्वस्थ मानसिकता वाले समाज के निर्माण पर बल दिया है. कानून को और सख्त होने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की समय सीमा निर्धारित होने की मांग भी उठने लगी है.
मानवीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा जरूरी :समाजसेविका व जुबेनाइल कोर्ट से जुड़ी कश्मीरा सिंह ने कहा कि आज प्रारंभिक पाठशाला में ही मानवीय मूल्यों की शिक्षा आवश्यक है. शिक्षा समाज का मेरुद है. किशोरों में बढ़ती मानसिकता विकृतियों पर अंकुश लगाने के लिए नैतिक उत्थान जरूरी है. उन्होंने कहा कि रेप पर जो कानून हमारे देश मे बना है वह अपने आप में पूर्ण है. कानून पर क्रियान्वयन सही ढंग से होना चाहिए.
सजा की गंभीरता बढ़ाने से समस्या का हल नहीं निकल सकता, बल्कि सामाजिक जागरूकता भी जरूरी है. युवा मोटिवेटर राकेश शाण्डिल्य ने कहा कि आज समाज में नारी सशक्तिकरण पर बल दिया जा रहा है. वहीं महिलाओं के साथ हो रही अमानवीय घटनाएं शर्मसार कर रही हैं. इन सब से बचने के लिए युवाओं का कला व संस्कृति से जुड़ाव होना आवश्यक है.
पाठ्यक्रमों में शामिल हों महापुरुषों की जीवनियां :महिलाओं का यह भी कहना था कि अपनी सभ्यता व संस्कृति के बारे में यदि बचपन से ही जानकारी दी जाये तो मानसिक चेतना में बड़ा परिवर्तन संभव है. पाठ्यक्रमों में महापुरुषों की जीवनियां शामिल की जायें और उसका प्रभावशाली पठन-पाठन हो तो काफी हद तक बदलाव संभव है.
इसके अतिरिक्त लड़कियों को स्कूलों में शिक्षा के साथ आत्मरक्षा के गुर सिखाना भी जरूरी है. बुजुर्ग महिला शारदा सहाय ने कहा कि हमारे समाज में तो लड़की की लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. आज लड़कियों के साथ ऐसा कृत्य अंदर से झकझोर देता है.
महिलाओं, युवाओं और छात्रों ने दीं अपनी- अपनी प्रतिक्रियाएं
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक संगठित प्रयास की जरूरत है. सामाज के सभी वर्गों को एक साथ आकर महिलाओं के सम्मान के लिए लड़ना होगा.
प्रिया देवी, मेयर
ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. मानसिक स्तर पर बदलाव की आवश्यकता है. किशोरों में मोरल डेवलपमेंट पर बल देना चाहिए.
सीमा िसंह, अध्यक्ष,प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
प्रारंभिक पाठशाला में ही मानवीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा आवश्यक है. रेप पर बना कानून अपने आप में पूर्ण है. बस इसके उचित क्रियान्वयन की आवश्यकता है.
कश्मीरा सिंह, साहित्यकार
ऐसी घटनाओं की जितनी भी निंदा की जाये कम है. हम आज नारी सशक्तिकरण की बात करते है. नारियों के सम्मान व उनके स्वाभिमान की रक्षा सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए.
डॉ िवजया रानी िसंह, चिकित्सक
एक समय था जब हब नारी को देवी के रूप में पूजते थे. लेकिन जब तक महिलाओं का सम्मान व उनकी रक्षा सुनिश्चित नहीं होगी. तब तक प्रगति का कोई औचित्य नजर नहीं आता.
रचना पर्वत,छात्रा
हम उस देश में रहते है जहां बेटियों को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. टीवी व समाचार पत्रों में जब ऐसी घटनाएं सुनने व पढ़ने को मिलती है तो, मन व्याकुल हो उठता है.
शारदा सहाय
शिक्षा में व्यापक बदलाव की आवश्यकता है. पाठ्यक्रमों में महापुरुषों की जीवनियां पढ़ाई जानी चाहिए, जिससे युवाओं का आत्मबल बढ़ेगा. साथ ही उनका नैतिक विकास होगा.
अिनता देवी, शिक्षिका
छात्राओं को प्रारंभिक स्तर पर ही गुड टच व बैड टच की जानकारी देना जरूरी है. देश में महिलाओं के साथ हो रही अमानवीय घटनाओं को रोकने के लिए सामूहिक स्तर पर प्रयास करना होगा.
सृिष्ट,लोक कलाकार
इन सबसे बचने के लिए युवाओं को कला व संस्कृति से जोड़ने की आवश्यकता है. कम उम्र के युवाओं को मोटिवेशन की जरूरत है. जिससे इन घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है.
राकेश शांिडल्य, मोटिवेटर
एक स्वस्थ वातावरण बनाने के साथ युवाओं को खुलकर अपनी बात रखने की आजादी मिलनी चाहिए. वहीं ऐसी घटनाओं में जो लोग दोषी होते है. उन्हें सजा देने में देर नहीं की जानी चाहिए .
िवकास कुमार, छात्र

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