छपरा : छपरा कोर्ट में मंगलवार को अजिबों-गरीब मामला सामने आया. तीन साल पहले जिस लड़के की हत्या हुई थी वो बयान देने कोर्ट पहुंच गया. असल में तीन वर्ष पूर्व जिस युवक की हत्या कर शव को गायब कर दिये जाने का मामला न्यायालय और थाना में दर्ज कराया गया था. उसे पुलिस ने पकड़ एसडीजेएम के न्यायालय में प्रस्तुत किया. न्यायिक पदाधिकारी मोहम्मद इनाम खान कभी उस युवक को, तो कभी उसकी हत्या को लेकर दर्ज हुये मामले का अवलोकन कर रहे थे. साथ ही कोर्ट में उपस्थित कर्मचारी व अधिवक्ता भी उस मामले की अपने-अपने हिसाब से व्याख्या करने में लगे थें. वहीं कार्ट रूम के बाहर भी पूरे कोर्ट परिसर में यह मामला चर्चा का विषय बना रहा.
विदित हो कि उक्त मामला इसुआपुर थाना क्षेत्र के पिपरहिया गांव का है. जहां के निवासी ललन महतो के 15 वर्षीय पुत्र दिनेश कुमार की हत्या कर, उसकी शव को गायब कर दिये जाने का एक मामला दर्ज था. मामला उसकी मां चिंता देवी ने 13 जनवरी 2015 को सीजेएम कोर्ट में दाखिल कराया था. मामले में उसने अपने गांव के अर्जुन महतो, झूलन राय और बिहारी चक निवासी जितेन्द्र राय समेतअन्य को आरोपी बनायी थी. जिसमे उसने आरोप लागायी थी कि सभी आरोपी 13 मार्च 2014 को उसके दरवाजे पर आये और बोले कि तुम अपने पुत्र दिनेश को जितेंद्र राय के यहां काम पर भेजो तुमको प्रति महीना एक हजार रुपया मिलेगा. उनकी बात पर उसने दिनेश को उनलोगों के साथ भेज दिया. जहां से मेरा पुत्र कुछ महीने बाद गायब हो गया. कोर्ट के आदेश पर यह मामला छह माह बाद 5 जुलाई को इसुआपुर थाना कांड संख्या 79/15 में दर्ज कर लिया गया.
आज सुबह पुलिस को जब यह पता लगा कि कथित मृतक दिनेश कई साल बाद अपने घर आया है तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया और कोर्ट में प्रस्तुत किया. न्यायिक पदाधिकारी ने दिनेश का सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज करवाया. जिसमें युवक ने कोर्ट के समक्ष कहा कि उसने अपनी मां से पैसा मांगा जिसे नही मिलने पर वह दिल्ली भाग गया. जहां वह ‘ओम जी के रसोई’ नामक होटल में काम करता था. मंगलवार की सुबह ही वह दिल्ली से घर आया था. एसडीजेएम ने युवक का बयान दर्ज होने के बाद उसके घर जाने का आदेश दिया, जिसके बाद युवक अपने घर के लिए निकल गया. वहीं युवक के घर लौटने से खुशी का माहौल है.