कैग की रिपोर्ट के बाद अधिकारियों के कान हुए खड़े
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वैशाली व संपर्क क्रांति की पैंट्री कार की हुई जांच
कैग की रिपोर्ट के बाद अधिकारियों के कान हुए खड़े छपरा(सारण) : कैग की रिपोर्ट आने के बाद रेलवे अधिकारियों के कान खड़े हो गये हैं और ट्रेनों की पैंट्री कार की जांच शुरू कर दी गयी. कैग ने रेलवे के घटिया खान-पान की जो पोल खोली है, उनमें छपरा से गुजरने वाली वीआइपी ट्रेन […]
छपरा(सारण) : कैग की रिपोर्ट आने के बाद रेलवे अधिकारियों के कान खड़े हो गये हैं और ट्रेनों की पैंट्री कार की जांच शुरू कर दी गयी. कैग ने रेलवे के घटिया खान-पान की जो पोल खोली है, उनमें छपरा से गुजरने वाली वीआइपी ट्रेन वैशाली और बिहार संपर्क क्रांति की पैंट्री कार ने मुहर लगा दी है. जी हां, पैंट्री कार में मिलने वाले गुणवत्ता विहीन लंच और ब्रेकफास्ट ने यह साबित कर दिया है कि इनका खाना खाने योग्य नहीं है. कैग की रिपोर्ट आने के बाद रेलवे प्रशासन ने मंगलवार को जब ट्रेनों की पड़ताल की, तो यात्रियों ने रेलवे के खाने की जम कर बुराई की. किचन में गंदगी तो थी, ही साथ ही नाश्ते में दिये जाने वाले समोसे और पकौड़े बासी थे. हैरान करने वाली बात तो यह थी नालियों में डूबे रहने वाले पाइपों से पैंट्री कार में खाना बनाने के लिए पानी भरा जा रहा था.
पानी के जार सिर्फ दिखाने के लिए रखे गये थे. रात में आठ बजे से दिया जाने वाला खाना दोपहर एक बजे ही बना कर रख लिया गया था. एक दिन पहले सना हुआ आटा दूसरे दिन प्रयोग में लाया जा रहा था. दुखद यह है कि यात्रियों को मजबूरन न चाहते हुए भी यही खाना और नाश्ता खाना पड़ता है. यात्रियों की मुश्किों यहीं खत्म नहीं हो रही हैं. पैंट्री कार के वेंडर यात्रियों से ओवर चार्जिंग भी करते हैं. सात रुपये की चाय 10 रुपये और 55 रुपये का स्टैंडर्ड खाना 65 रुपये में बेचा जा रहा है.
खाने योग्य नहीं है भोजन : ट्रेनों में परोसे जाने वाले सामान की पड़ताल में पाया गया कि यात्रियों को दिया जाने वाला खाना खाने योग्य नहीं है. दाल में सिर्फ पानी, आलू-परवल में सिर्फ आलू्, मटर-पनीर में सिर्फ मटर. यात्रियों ने बताया कि खाना-नाश्ता में दी जा रही सामग्री खाने लायक नहीं है.
हाल-ए-बिहार संपर्क क्रांति : प्लेटफाॅर्म नंबर एक पर बिहार संपर्क क्रांति सुपर फास्ट ट्रेन खड़ी हुई, तो उसकी पैंट्री कार में चढ़ी जांच टीम ने अवैध पानी की बोतलें जब्त कीं. टीम को देखते ही पैंट्री कार के कर्मचारियों ने किचन को साफ और खाने के बरतनों को ढंकना शुरू कर दिया.
हाल-ए-वैशाली एक्सप्रेस : प्लेटफाॅर्म नंबर एक से संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के जाने के बाद आयी वीआइपी ट्रेन वैशाली सुपर फास्ट खड़ी हुई. वैसे ही पैंट्रीकार के कर्मचारी उतरे और नाली में डूबे पाइप को उठाया और भगौने में पानी भरने लगे. यहां खाना दोपहर एक बजे ही बना लिया गया था. दाल और सब्जी में पानी की मात्रा ज्यादा नजर आ रही थी. किचन में गंदगी, तो थी ही, बिना मानक वाली पानी की बोतलें भी मिलीं.
क्या कहते हैं यात्री
पैंट्री कार का खाना, तो खाने लायक नहीं है. दिन में आलू पकौड़ा मंगाया था. पकौड़ा तो गर्म था, लेकिन उसके अंदर का आलू बासी था. एक ही बार खाने के बाद पकौड़ा फेंक दिया. कैग की रिपोर्ट पूरी तरह से ठीक है. इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
आकांक्षा देवी, यात्री, ए 7 स्लीपर कोच
दोपहर में खाना मंगाया था. एक तो उसमें कोई स्वाद नहीं था, दूसरे सब्जी में सिर्फ आलू ही था. चावल भी पूरा पका नहीं हुआ था. यूं कह लें कि मजबूरन ही खाना पड़ा.
हरिशंकर कुमार, यात्री, एस 5
क्या कहते हैं अधिकारी
यात्रियों को खान-पान की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ट्रेनों की पैंट्री कार की जांच की जा रही है और अनियमितता पाये जाने पर जुर्माना तथा दंडात्मक कार्रवाई की जाती है. जांच की कार्रवाई लगातार चल रही है.
अशोक कुमार , रेलवे जनसंपर्क अधिकारी, वाराणसी मंडल , पूर्वोत्तर रेलवे
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