Samastipur News:मोहिउद्दीननगर : जलवायु परिवर्तन ने भारत के कृषि को अनिश्चित व जोखिम भरा बना दिया. अतएव समग्र दृष्टिकोण अपना कर किसानों को फसलों को जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बनाने तथा आय सहायता एवं कृषि हानि के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करने जोर देने की आवश्यकता है. यह बातें मोहनपुर ई-किसान भवन के सभागार में सोमवार को कैफेटेरिया का एक्टिविटी के तहत तहत प्रखंड स्तरीय किसान गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रमुख अमर कुमार राज ने कही. संचालन बीटीएम रवि कुमार मल्लिक ने किया. कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि मौजूदा संसाधनों के तालमेल और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सरकार विभिन्न कार्यक्रमों और क्षेत्रीय योजनाओं का अभिसरण कर रही है. मौसम चक्र में हो रहे असमय बदलाव के कारण किसानों को जलवायु अनुकूल खेती करने के लिए सरकारी स्तर से प्रेरित किया जा रहा है. भूगर्भ जल रिचार्ज की तकनीक, जल संरक्षण में विभिन्न तरह की वैज्ञानिक तकनीकों का अनुशरण, फर्टिलाइजरऔर सिंचाई के समय में बदलाव, कम पानी में उगने वाली फसलों की खेती, रोपण की अवधि में बदलाव, सिंचाई के साधन व जीरो टिलेज जैसे उपायों से प्रतिकूल स्थिति में संतोषजनक पैदावार प्राप्त करने में मदद मिलेगी. इस दौरान मिश्रित ,जैविक व प्राकृतिक खेती, विशेष फसल सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए वैकल्पिक खेती, पशुपालन, मत्स्यपालन, अंतर्वर्ती खेती पर भी चर्चा की गई. अधिकारियों ने खेती के लिए मिलने वाली सरकारी सहायता का उल्लेख करते हुए किसानों से लाभ उठाने की अपील की. इस क्रम में विभागीय स्तर से किसानों की कई समस्याओं का निराकरण किया गया. इस मौके पर कृषि समन्वयक अमरेंद्र कुमार राय, आलोक कुमार, विकास कुमार, शिव आशीष रंजन, राजेश प्रसाद, चांदनी देवी, क्रांति देवी, मोहन राय, नीता देवी, आरती देवी, सुमन देवी, दरोगी राय मौजूद थे.
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