Samastipur News:समस्तीपुर : शहर के विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों किशोरों की कौन कहे छोटे-छोटे बच्चों में भी सूखे नशे की लत चिंता का विषय बनता जा रहा है. छोटे-छोटे ये बच्चे भी मादक पदार्थों के आदी होते जा रहे हैं. शहरी क्षेत्रों में इन दिनों बच्चे नशे के लिए एक नई तरकीब अपनाते देखे जा रहे हैं. वे नशे के लिए बाजार में सर्वथा उपलब्ध सामानों का धड़ल्ले से उपयोग करते देखे जा रहे हैं. कई बच्चे इसके इस कदर आदि हो चुके हैं कि वे दिन भर में 5-6 पैक तक खत्म कर देते हैं. नशा प्रयोग कर रहे एक 8 वर्षीय बच्चे से पूछने पर बताया कि इसे सूंघने से काफी आनंद मिलता है. इसके लिए पैसे की व्यवस्था भी इन किशोरों ने कर रखी है. दिन के उजाले में ही निर्माणाधीन मकान, जर्जर मकान व टूटे नाले के स्लैब से छड़ निकाल कर बांध के आसपास बसे कबाड़ी वाले के हाथों बेच देते हैं. शहर के ताजपुर रोड इलाके में इनकी चार किशोरों की टीम इस धंधे में लगे हैं. प्रत्येक टीम में चार से पांच किशोर हैं जो दो शिफ्ट में छड़ निकाल कर सूखे नशे की व्यवस्था करते हैं. इन्हें किसी का भय नहीं है. शनिवार की दोपहर शहर के प्रोफेसर काॅलोनी रोड से छड़ लेकर निकल रहे किशोरों की टोली को जब रुकने के लिए कहा गया तो भागने लगे और देख लेने की धमकी भी दे डाले. मालूम हो कि इन दिनों युवा पीढ़ी इन नशों से बर्बाद हो रही है. बाजार में सूखा नशा मेडिकल स्टोर, स्टेशनरी की दुकानों, किराना दुकान, पान दुकान सहित विभिन्न स्थानों पर आसानी से बिक रहा है. ऐसे पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाना मुश्किल है. बच्चे इसे खरीदकर लेते हैं. नशे की लत लगने के बाद युवा पढ़ाई-लिखाई से दूर होकर अपराध और असामाजिक गतिविधियों की ओर बढ़ने लगे है. युवाओं की बर्बादी से चिंतित अभिभावक और बुद्धिजीवी समाज प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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