Samastipur News: प्रकाश कुमार, समस्तीपुर : कोई राज्य अपने बच्चों के शैक्षिक भविष्य की मजबूत नींव कैसे रखता है? बिहार में, इसका जवाब है ””””आधारशिला””””. यह नया पाठ्यक्रम 3 से 6 साल की उम्र के बच्चों को प्रभावित करेगा. ये बच्चे वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ते हैं. इसी शैक्षणिक वर्ष में शुरू होने वाला ””””आधारशिला”””” सीखने की एक व्यवस्थित और मनोरंजक शुरुआत का वादा करता है, जो सफल औपचारिक शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करेगा. इसके लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने आधारशिला का संदर्भीकरण के लिए साधनसेवी की टीम तैयार की है. यह टीम बिहार के परिपेक्ष्य में संदर्भीकरण करेगा. इस टीम में डायट, सीटीई, पीटीईसी, एचएम, सेवानिवृत्त शिक्षक, सीडीपीओ, शिक्षा विशेषज्ञ, आईसीडीएस, यूनिसेफ आदि सम्मिलित है. टीम में शहर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मोहनपुर के नवचारी शिक्षक ऋतुराज जायसवाल को भी सम्मिलित किया गया है. शिक्षक ने बताया कि एससीईआरटी पटना द्वारा आधारशिला कार्यक्रम को नया रूप देने के लिए चयनित किया है. ऋतुराज अब तक दीक्षा, पीबीएल (प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण), सुरक्षित शनिवार, बैगलेस शनिवार और इको क्लब जैसे कई नवाचारी कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं. राज्य के विभिन्न जिलों से आये विशेषज्ञों के साथ मिलकर कार्य कर रहे ऋतुराज का मानना है कि यह नया मॉड्यूल शिक्षा के लिए अत्यंत अहम साबित होगा, क्योंकि बच्चों की मजबूत नींव इसी स्तर से तैयार होती है. ऋतुराज का कहना है कि हमें मिलकर एक ऐसा आकर्षक और बेहतर प्रारूप तैयार करना होगा जो राष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण बन सके.
””””आधारशिला”””” क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता बताते हैं कि ””””आधारशिला””””, जिसका अर्थ है ””””आधारशिला””””, इस पाठ्यक्रम के उद्देश्य को पूरी तरह से दर्शाता है. इसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से विकसित किया गया है. यह पाठ्यक्रम यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि बच्चे 6 वर्ष की आयु तक स्कूल जाने के लिए तैयार हों. यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के साथ तालमेल बिठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. ””””आधारशिला”””” पाठ्यक्रम तीन स्तरों के माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा के लिए एक संरचित लेकिन आकर्षक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है. ये स्तर 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के विकासात्मक चरणों के अनुरूप सावधानीपूर्वक डिजाइन किए गए हैं. पाठ्यक्रम का मूल एक खेल-आधारित पद्धति है, जो इस समझ पर आधारित है कि छोटे बच्चे इंटरैक्टिव और मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से सबसे अच्छा सीखते हैं. विदित हो कि ””””आधारशिला”””” पाठ्यक्रम का शुभारंभ, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. खेल-आधारित शिक्षा के माध्यम से एक मजबूत नींव पर ध्यान केंद्रित करके, इस पहल में राज्य के लाखों छोटे बच्चों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने की क्षमता है.
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