पूसा : बिहार सरकार के गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान ने कहा कि गन्ना उत्पादकों की मूल समस्याओं को तकनीकों की बदौलत घटाने की जरूरत है. इससे उत्पादकों को कम लागत में रोग रोधी प्रभेदों को अपनाकर आय दोगुनी करने में सहूलियत मिलेगी. विवि के वैज्ञानिक सतत नये प्रभेदों का ईजाद कर रहे हैं. गन्ना उत्पादकों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में बिहार सरकार संकल्पित है. शुगर मिल की कमी के बावजूद बिहार का गन्ना उत्पादकता प्रथम स्थान पर है. मंत्री श्री पासवान ने वैज्ञानिकों से कहा कि जलजमाव वाले क्षेत्रों के लिए नवीनतम गन्ने के प्रभेदों का अनुसंधान करने की दिशा में बल देने की जरूरत है. किसानों की समस्याओं का निदान निकालना ही वैज्ञानिक एवं विभागीय अधिकारियों का प्रथम दायित्व है. जनहित में लागू होने वाले सभी योजनाओं को मंत्रालय समर्थन करती है. रीगा चीनी मिल का शुरू होना बिहार के विकास का गवाह है. गुड़ प्रोसेसिंग प्लांट लगाने पर बिहार सरकार की ओर से ऑन स्पॉट 50 प्रतिशत का अनुदान खाते में भेज दिया जाता है. गुड़ उद्योग लगाने के लिए प्रथम चरण का आवेदन पूरा हुआ है. अभी तीन चरण और ऑनलाइन ही आवेदन लिया जाना है. बिहार के विभिन्न जिलों में गन्ना की खेती के लिए किसानों को जागरूक करने की जरूरत है. मौका था डा राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय स्थित विद्यापति सभागार में गन्ना उत्पादकता में वृद्धि सीख चुनौती विषय पर आयोजित राज्यस्तरीय गन्ना किसान संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र का.
बीज किसानों के लिए उपलब्ध : कुलपति
अध्यक्षता करते हुए कृषि विवि पूसा के कुलपति डॉ. पीएस पांडेय ने कहा कि पूसा कृषि शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार की जन्मस्थली है. उन्होंने कहा कि विवि के गन्ना अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित गन्ना के तमाम प्रभेदों के बीज किसानों के लिए सदैव उपलब्ध रहेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार में गन्ना उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए देश का पहला चीनी मिल सबसे पहले बिहार में ही लगाया गया था. उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी से गन्ना उत्पादन और प्रसंस्करण के अलावा गन्ना उत्पादक किसानों को काफी फायदा मिलेगा.बीज को करें आवेदन : जेडीआर
इससे पहले स्वागत संबोधन करते हुए जेडीआर महेंद्र प्रसाद सिंह कहा गन्ने के आधार बीज खरीददारी के लिए अविलंब वेबसाइट पर अपलोड करें. इससे बीजों पर मिलने वाली अनुदानित राशि किसानों के खाते पर जल्द से जल्द मिल सके.संस्थान ऐतिहासिक धरोहर : आयुक्त
ईख आयुक्त अनिल कुमार झा ने कहा कि गन्ना अनुसंधान संस्थान ऐतिहासिक धरोहर है. गन्ना को प्रकृति ने ही बहुत ही ताकतवर फसलों में से एक फसल बनाया है. संचालन हसनपुर चीनी मिल के महाप्रबंधक सुग्रीव पाठक ने किया. धन्यवाद ज्ञापन सहायक ईख उप निदेशक अरविंद कुमार ने किया. मौके पर वैज्ञानिक डा मो. मिनितुल्लाह, डा एसके सिंह, डा सीके झा, डा सुनीता कुमारी मीणा, डा नवनीत कुमार आदि मौजूद थे.प्रदर्शनी का किया निरीक्षण
विवि में गन्ना उत्पादन में वृद्धि एक चुनौती के विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय गन्ना किसान संगोष्ठी कार्यक्रम के दौरान विद्यापति सभागार परिसर में गन्ने के विभिन्न प्रभेदों, गन्ना उत्पाद, कृषि तकनीक, कृषि उपकरण आदि की प्रदर्शनी का गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री कृष्णनंदन पासवान ने जायजा लिया. इस दौरान कुलपति डॉ. पीएस पांडेय ने मंत्री को गन्ना से बनाये जा रहे गुर, गुर डस्ट, गुर से बने लड्डू, विनेगर, विवि द्वारा विकसित गन्ने के विभिन्न प्रभेद, ड्रोन तकनीक आदि के बारे में जानकारी दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है