Samastipur News:समस्तीपुर : विमेंस कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मधुलिका मिश्रा द्वारा विश्व मानवाधिकार दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अध्यक्षता प्रधानाचार्य प्रो. अरुण कुमार कर्ण ने किया. प्रधानाचार्य ने कहा कि मानवाधिकार हर व्यक्ति के जन्मसिद्ध अधिकार है. यह दिवस घृणास्पद भाषण, भ्रांत सूचना तथा मानवाधिकारों के हनन का सामना करने के लिये सामूहिक प्रयासों का आह्वान करता है. समानता सहित निगरानीहीन भेदभाव-रहित व्यवस्था को प्रोत्साहित करता है. डॉ. मधुलिका मिश्रा ने कहा कि मानवीय बुनियादी अधिकारों के अभाव में एक समतामूलक समाज की स्थापना असंभव है. उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय दर्शन में मानवाधिकारों को सदैव ही स्थान दिया गया है सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया जैसे मंत्रों में सभी के सुख, स्वास्थ्य और समानता की कामना की गई है. डॉ सोनी सलोनी ने कहा कि मानव अधिकारों की अवधारणा मानव-गरिमा से जुड़ी हुई है. डॉ नेहा जायसवाल ने कहा कि 1993 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना के माध्यम से देश में मानव अधिकारों को सुरक्षित करने का प्रयास किया गया. डॉ लालिमा सिन्हा ने मानव अधिकारों के समक्ष चुनौतियों की चर्चा की. डॉ. सोनल ने कहा कि मानवता हमें सिखाती है कि हमें सभी मनुष्यों के साथ एक परिवार की तरह व्यवहार करना चाहिए. डॉ प्रणम ने कहा कि मानव अधिकारों को स्थापित करने के लिए समाज में शिक्षा एवं जागरुकता पर ध्यान देना होगा. राजनीति विज्ञान की छात्राओं मे नमिता रॉय ने मंच संचालन किया. प्रिया भारती, कोमल, तान्या राज, मनीषा गुलजमी, निधि, शीला भारती, शहरीन आदि ने भाषण एवं पोस्टर के माध्यम से मानवाधिकारों पर प्रकाश डाला. डॉ विजय गुप्ता ने भारतीय संविधान में वर्णित मूल अधिकारों पर अपनी बात रखी एवं धन्यवाद ज्ञापन किया.
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