मोहिउद्दीननगर/मोहनपुर . गंगा नदी में हो रही तेजी से जलवृद्धि से दियारांचल की हजारों की आबादी प्रभावित होने लगी है. गंगा व वाया नदियों की कहर से लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश करने में जुटे हैं. नदियों के रौद्र रूप से मोहिउद्दीननगर व मोहनपुर प्रखंड के रिहायशी क्षेत्रों में पानी तेजी से फैलने लगा है. करीब दर्जन भर से अधिक गांवों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट गया है. इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. गंगा के सरारी कैंप पर तैनात जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता मनीष कुमार गुप्ता ने बताया कि गुरुवार को गंगा का जलस्तर 47.50 मीटर तक पहुंच गया है जो खतरे के निशान 45.50 मीटर से 2.00 मीटर ज्यादा है. जलस्तर की प्रवृत्ति बढ़ने की है. लगातार बढ़ते पानी से बोचहा, दुबहा, रासपुर पतसिया पूरब, रासपुर पतसिया पश्चिम, महमद्दीपुर, कुरसाहा, हरैल, तेतारपुर, राजपुर जौनापुर, डुमरी उत्तरी, डुमरी दक्षिण, बिनगामा, बघड़ा, धरणीपट्टी पूरब एवं धरणी पट्टी पंचायतों में लोगों की नावों के सहारे जिंदगी कट रही है. गरीब तबके के लोग सरकारी सहायता की टकटकी लगाए हुए हैं. कई सड़कों पर चढ़ा पानी कई सड़कों पर पानी चढ़ जाने के कारण आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इनमें जलालपुर जौनापुर सड़क, बेरी मटिऔर सड़क, अदलपुर दुबहा सड़क, दियारा मोड़-जौनापुर सड़क, अदलपुर-तेतारपुर पथ, खनुआ सरहद सड़क, सुल्तानपुर पूरब टोल जाने वाली सड़क, आनंदगोलवा गोलापट्टी, चापर बाबापट्टी, महमद्दीपुर घटहाटोल, दशहारा बेरी, वाटरवेज बांध से चपरा, घटहाटोल से सुल्तानपुर जाने वाली सड़कें शामिल हैं नाव परिचालन की उपलब्ध कराई गई सुविधा सीओ बृजेश कुमार द्विवेदी व भाग्य श्री ने बताया कि अंचल क्षेत्र में नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मोहिउद्दीननगर में 30 व मोहनपुर में 42 नावों का चिन्हित क्षेत्रों में परिचालन किया जा रहा है. साथ ही जिन इलाकों में आवागमन में लोगों को कठिनाई हो रही है उसे देखते हुए नाव परिचालन शीघ्र शुरू करने का निर्देश कर्मियों को दिया गया है. पलायन बदस्तूर जारी पतसिया, घटहाटोल, सुल्तानपुर, हसनपुर, रजैसी, चापर, मटिऔर, जौनापुर, बघरा सहित दर्जनों स्थानों से पशुपालकों का अपने अपने पशुओं के साथ बदस्तूर पलायन जारी है. पशुपालकों ने मोहिउद्दीननगर प्रखंड के उत्तरी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों को पशुशरण स्थली के रूप में बनाया है. राजाराम राय, सागर महतो, अशर्फी पासवान आदि ने बताया कि बारिश व धूप के कारण परेशानी होती है. लेकिन प्रशासनिक स्तर से पशुपालकों को अभी तक पॉलिथीन शीटउपलब्ध नहीं कराई गई है. तटबंधों की सुरक्षा को बरती जा रही है चौकसी जलसंसाधन विभाग व स्थानीय प्रशासन की ओर से नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए तटबंधों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट मोड पर है. धमौन बॉर्डर से लेकर बिशनपुर बेरी बांध तक विशेष निगरानी रखी जा रही है. रात के समय भी निगरानी बाधित न हो, इसके लिए जनरेट की व्यवस्था की गई है. संवेदनशील स्थानों पर चौकीदारों की तैनाती की गई है. चूहे की बिल से बढ़ी परेशानी मदुदाबाद पंचायत के वार्ड 11स्थित वाया नदी के तटबंध में चूहे के बिल ने लोगों को दहशत में डाल दिया. स्थानीय लोगों ने बताया कि जब इसकी सूचना जल संसाधन विभाग के अधिकारी व कर्मी को दी गई तो इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया. स्थानीय लोगों ने श्रम दान से बड़ी तत्परता से चूहे के बिलों को तटबंध पर रखे मिट्टी भरे जियो बैग से भरा. अन्यथा बड़ी घटना घट सकती थी. करीब चार दर्जन विद्यालय को किया गया बंद गंगा व वाया नदी में जल वृद्धि को देखते हुए प्रखंड शिक्षा विभाग ने करीब चार दर्जन विद्यालयों को बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी निर्मला कुमारी ने बताया कि मोहिउद्दीननगर प्रखंड के 25 वहीं मोहनपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि 22 विद्यालयों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र प्रेषित कर प्रभावित विद्यालय को नजदीक के विद्यालयों में शिफ्ट करने का आदेश दिया है. इनमें मध्य विद्यालय जौनापुर, मध्य विद्यालय डुमरी, प्राथमिक विद्यालय हरदासपुर, प्रावि आलमपुर, प्रावि सुल्तानपुर, प्रावि घटहाटोल, प्रावि हसनपुर प्रावि गाछी टोल सुल्तानपुर, प्रावि नारायणपुर प्रावि बढ़ई टोल आदि के नाम शामिल हैं. स्वच्छ जल उपलब्ध कराने में जुटा पीएचइडी गंगा व वाया नदियों के जल से प्रभावित लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए पीएचईडी विभाग जुट गया है. पीएचईडी विभाग के सहायक अभियंता ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के बाद गुरुवार को बताया कि चिन्हित स्थानों पर विभागीय स्तर से चापाकल शीघ्र गाड़ने का कार्य शुरू किया जा रहा है.
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