Samastipur News:रोसड़ा : स्थानीय यूआर कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के प्रथम दिन शनिवार को उद्घाटन सत्र में प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. घनश्याम राय द्वारा मंचासीन अतिथियों का पगड़ी,चादर एवं पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया.सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया.स्वागत गान महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया.स्वागत भाषण बिहार समाज विज्ञान अकादमी के महासचिव सह चतुर्थ बिहार सामाजिक विज्ञान कांग्रेस के संयोजक सह प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. घनश्याम राय ने दिया.उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता प्रो. संतोष ने कहा कि समाज विज्ञान से जुड़ा हुआ है.विज्ञान के विकास के बिना समाज का विकास संभव नहीं है.उन्होंने हल्दी के अनेक उपयोगों और प्रयोगों की चर्चा की.उन्होंने हल्दी के एक तत्व कुरकुरे की चर्चा की और जैव प्रौद्योगिकी के परिप्रेक्ष्य और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के बारे में बताया.
– यूआर कॉलेज में दो दिवसीय सम्मेलन के प्रथम दिन उद्घाटन सत्र एवं पांच तकनीकी सत्रों का आयोजन
इस अवसर पर बोलते हुए प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. डीएम दिवाकर ने कहा कि समाज के संदर्भ में विज्ञान को समग्र रूप से देखने की जरूरत है.जिसमें उन्होंने थॉमस क्रूज के साधारण विज्ञान और क्रांतिकारी विज्ञान की अवधारणाओं को स्पष्ट करते हुए विज्ञान को परिभाषित किया.उन्होंने कार्ल पॉपर की पुस्तक डिस्कवरी ऑफ साइंटिफिक लॉजिक की भी चर्चा की.प्रो. अनिल दत्त मिश्रा ने समाज में किए गए कार्यों और आध्यात्मिक ज्ञान को जोड़कर सामाजिक विकास पर चर्चा की.प्रो. मुनेश्वर यादव ने अंतःविषयी दृष्टिकोण,बहुविषयी दृष्टिकोण और प्रबंधन पर प्रकाश डाला.मुख्य अतिथि और उद्घाटनकर्ता प्रो. रमाशंकर आर्य ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने पर प्रकाश डाला.धन्यवाद ज्ञापन एवं संचालन बर्सर डॉ. विनय कुमार ने किया.उद्घाटन सत्र का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ.इस अवसर पर देशभर से करीब ढाई सौ पत्र प्राप्त हुए.उद्घाटन सत्र के बाद पांच समानांतर तकनीकी सत्र आयोजित किए गए.बासा के महासचिव व यूआर कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ घनश्याम राय ने बताया कि दूसरे दिन रविवार की सुबह 10.30 बजे से पांच तकनीकी समानांतर सत्र आयोजित किए जाएंगे.साथ ही शैक्षणिक सत्र भी आयोजित किया जाएगा.दोपहर एक बजे से दो बजे तक डॉ एसपी वर्मा स्मृति व्याख्यान होगा.एसपी वर्मा व्याख्यान के मुख्य वक्ता ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो राजमणि प्रसाद सिन्हा होंगे.
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