Samastipur News: समस्तीपुर : नई शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से सभी विद्यार्थियों के लिए एबीसी यानि एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट आईडी कार्ड बनवाना अनिवार्य किया गया है. विद्यार्थियों के लिए एबीसी आईडी कार्ड इसी सत्र से शुरू किया जा चुका है लेकिन छात्र-छात्राएं इसके लिए रुचि नहीं दिखा रहे हैं. अब ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी कोर्स में पंजीयन के लिए एबीसी आईडी कार्ड होना जरूरी है. इसके बिना कोई भी विद्यार्थी परीक्षा भी नहीं दे सकता है. विद्यार्थियों का यह एक तरह का डिजिटल अकाउंट होगा. जिसमें उनके क्रेडिट देखे जायेंगे. छात्रों का रिकॉर्ड रखा जायेगा.
दरअसल नई शिक्षा नीति के अनुसार एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट एक ऐसा डिजिटल खाता है जिसमें छात्रों द्वारा अपनी पढ़ाई के दौरान अर्जित किये गये क्रेडिट्स को संग्रहित किया जायेगा. इस प्रणाली के तहत छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों से अर्जित क्रेडिट्स को एक निश्चित अवधि तक अपने अकाउंट में जमा कर सकते हैं. इन क्रेडिट्स का उपयोग भविष्य में अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कर सकते हैं. महिला कॉलेज के प्राध्यापक विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि उदाहरण के तौर पर यदि कोई छात्र किसी कारणवश अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देता है तो वह बाद में उसी या किसी अन्य मान्यता प्राप्त संस्थान में दाखिला लेकर पहले अर्जित किये गये क्रेडिट्स का उपयोग कर सकता है. अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनके शैक्षिक अनुभव में अधिक स्वतंत्रता और लचीलापन प्रदान करना है. इससे वे अपनी पढ़ाई को अधिक सहजता व कुशलता से पूरा कर सकें.सात साल तक स्टोर होंगे विद्यार्थियों के क्रेडिट
अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के माध्यम से नये सत्र के विद्यार्थियों के हर विषय में क्रेडिट दिये जायेंगे. जिसे सभी विद्यार्थियों को अर्जित करना अनिवार्य होगा. पोर्टल पर तीन मेजर विषय में चार-चार क्रेडिट्स दिये गये हैं, जबकि माइनर विषयों में किसी में तीन, किसी में दो तो किसी विषय में एक क्रेडिट दिया गया है. अगर कोई विद्यार्थी किसी कारण से पढ़ाई बीच में छोड़ देता है और बाद में किसी अन्य कॉलेज में दाखिला लेना चाहता है तो उनके पास 52 क्रेडिट होने जरूरी है. विद्यार्थियों के यह क्रेडिट कम से कम सात साल तक स्टोर किए जायेंगे. केवल मान्यता प्राप्त संस्थान ही क्रेडिट अपलोड कर सकते हैं. एबीसी आईडी कार्ड विद्यार्थियों का एक डिजिटल अकाउंट है. जहां पर उनके क्रेडिट स्टोर किए जायेंगे. हर विषय में अलग-अलग क्रेडिट दिए गए हैं, जो विद्यार्थियों को अर्जित करने होंगे. इससे छात्र अलग-अलग समय पर कोर्स में शामिल हो सकते हैं या निकल सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

