समस्तीपुर : आखिरकार संगीता को न्याय मिल ही गया. उसकी वैवाहिक जीवन की बगिया लगातार दूसरी बार उजड़ने से बच गयी. उसको तो पति का सहारा मिला ही साथ ही साथ उसकी दो मासूम बच्ची नेहा व शिवानी को पिता का नाम भी मिल गया. संगीता की डूब रही वैवाहिक जीवन की नैया को प्रभात खबर टीम के प्रयास से महिला थानाध्यक्ष रामेश्वर राम ने किनारे लगाया.
बता दें कि सात जुलाई को प्रभात खबर ने पेज तीन पर पहले पति अब देवर ने भी ठुकराया हेडिंग से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इस खबर के प्रकाशित होने के बाद महिला थाना पुलिस हड़कत में आयी और संगीता को न्याय दिलाने में जुट गयी. संगीता के माता-पिता के साथ-साथ ससुराल के लोगों को भी थाना पर बुलाया गया. फिर दोनों परिवारों के बीच पुलिस ने पंचायती शुरू की. हालांकि, इस पंचायती में संगीता का पति नहीं पहुंचा था. इस कारण से पुलिस को कड़ा रूख अख्तियार करना पड़ा. पुलिस टीम को भेज कर संगीता के पति लखिंदर को भी थाने पर लाया गया.
कई घंटों तक दोनों परिवारों की काउंसिलिंग की गयी तब जाकर बात बनी. महिला थानाध्यक्ष ने तीन दिनों की कड़ी मेहनत के बाद संगीता के पति द्वारा की जा रही दूसरी शादी को रोकवाया. उन्होंने संगीता एवं उसके पति के बीच बन गयी खायी को भर कर दोनों को एक बार फिर से मिला दिया.
क्या था मामला : सरायरंजन के जगदीशपुर निवासी लखिंदर सहनी अपनी पहली पत्नी संगीता को छोड़ कर आठ जुलाई को उजियारपुर के बेलारी गांव में दूसरी लड़की से शादी करने की तैयारी में था. इससे आहत उसकी संगीता अपने मासूम बच्चों के साथ न्याय के लिए दर-दर भटकते हुए छह जुलाई को महिला थाने पर पहुंची थी. बताया जाता है कि पांच वर्षों में संगीता की एक ही परिवार में दो बार शादी हुई थी. पहली शादी उसके वर्तमान पति लखिंदर के बड़े भाई जयकांत से हुई थी.
लेकिन शादी के तीन साल बाद एक बच्ची होने पर जयकांत ने संगीता को छोड़कर दूसरी शादी कर ली थी. बाद में समाज के पहल पर संगीता की शादी उसके देवर लखिंदर से कर दी गयी. लेकिन दो वर्ष बाद ही लखिंदर ने भी संगीता को छोड़ने का मन बना लिया था.
तिलक-सगुन का सामान वापस: महिला थाना पुलिस की पहल पर संगीता के पति की आठ जुलाई को होने वाली शादी को रोक दिया गया. यह शादी उजियारपुर के बेलारी गांव में तय की गयी थी. लेकिन पुलिस द्वारा लड़की पक्ष को बुला कर उसके तिलक-सगुन में दिया गया. पैसा व अन्य सारा सामान लौटा दिया गया.
महिला थाना पुलिस ने संगीता के पति को दूसरी शादी करने से रोका, आठ को होनी थी शादी
सात जुलाई को प्रभात खबर में प्रमुखता से खबर के प्रकाशित होने के बाद हरकत में आयी पुलिस
महिला थानाध्यक्ष रामेश्वर राम ने तीन दिनों की कड़ी मेहनत के बाद संगीता को पति से मिलाया