वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए रेलवे बोर्ड ने दिया 300 नये वैगन बनाने का आर्डर
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बॉक्शन-एच निर्माण में यांत्रिक कारखाना ने रचा इतिहास, किया रिकार्ड उत्पादन
वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए रेलवे बोर्ड ने दिया 300 नये वैगन बनाने का आर्डर समस्तीपुर : त रोजी-रोटी पर आयी तो पिछले कई वर्षों से कछुये की चाल चल रहे कर्मियों के हाथों में मानों पंख लग गये. कार्यस्थल पर हाथ तेज चला तो इतिहास रच गया. बात स्थानीय यांत्रिक कारखाना की हो रही […]
समस्तीपुर : त रोजी-रोटी पर आयी तो पिछले कई वर्षों से कछुये की चाल चल रहे कर्मियों के हाथों में मानों पंख लग गये. कार्यस्थल पर हाथ तेज चला तो इतिहास रच गया. बात स्थानीय यांत्रिक कारखाना की हो रही है. वित्तीय वर्ष 2015-16 में यांत्रिक कारखाना कर्मियों ने सिमित संसाधन में दिन रात मेहनत कर 200 नये बॉक्शन-एचएल वैगन का निर्माण किया है, जो अबतक का इतिहास है. रेलवे बोर्ड ने चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए 300 नये बॉक्शन-एचएल वैगन बनाने का ऑर्डर दिया है. बता दें कि पिछले कई वर्षों से रेलवे बोर्ड को
ऑर्डर की आपूर्ति नहीं करने के कारण गत वर्ष रेलवे बोर्ड ने कारखाना बंद करने का आदेश देते हुए बैठ कर वेतन आदि ले रहे कर्मियों को दूसरे कारखाने में स्थानांतरण करने का निर्देश दिया था. इस पर कर्मचारी यूनियन और अधिकारियों ने पहल कर कार्यक्षमता दिखाने के लिए एक वर्ष का समय मांगा था. मुख्य कारखाना प्रबंधक अमन राज भी मानते हैं कि पिछले वर्ष जीएम ने कारखाना बंद करने के लिए पत्र लिखा था. साथ ही यहां के कर्मियों का विभिन्न जगहों पर स्थानांतरण करने को कहा था. इसके पिछले रेलवे बोर्ड का आर्डर नहीं पूरा कर पाना था.
ऑर्डर पूरा नहीं कर पा रहा था कारखाना % रेलवे सूत्रों ने बताया कि रेलवे बोर्ड द्वारा वैगन निर्माण ऑर्डर दिये जाने के बावजूद यहां के कर्मी वैगन निर्माण नहीं कर पा रहे थे. वित्तीय वर्ष 2010-11 में रेलवे बोर्ड ने 115 वैगन निर्माण का ऑडर दिया. इसी तरह 2011-12 में 100 व 2012-13 में 180 व 2013-14 में 175 वैगन के निर्माण का आर्डर दिया. लेकिन उसके बदले कारखाना वैगन की आपूर्ति नहीं कर पा रहा था, जिस कारण वित्तीय वर्ष 2014-15 व 2015-16 के लिए रेलवे बोर्ड ने कारखाना को कोई नया ऑर्डर नहीं दिया. कारखाना कर्मी पूराने ऑर्डर की आपूर्ति में ही लगे रहे. मैटेरियल आदि के अभाव में वैगन का निर्माण लगभग बंद हो गया था. सूत्रों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2013-14 के ऑडर की आपूर्ति अबतक नहीं की गयी है.
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