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”राजरोगों” की चपेट में मंडल के रेलकर्मी
समस्तीपुर : समस्तीपुर रेल मंडल के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत रेलकर्मियों की ग्रहदशा ठीक नहीं चल रही. कर्मचारियों व अधिकारियों की एक बड़ी संख्या रोगों की चपेट में है. आश्चर्य यह है कि अधिक कार्य बोझ वाले पदों पर तैनात कर्मी भी ऐसे रोगों की चपेट में हैं जो ज्यादातर आरामतलबी लोगों में होता है. […]
समस्तीपुर : समस्तीपुर रेल मंडल के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत रेलकर्मियों की ग्रहदशा ठीक नहीं चल रही. कर्मचारियों व अधिकारियों की एक बड़ी संख्या रोगों की चपेट में है. आश्चर्य यह है कि अधिक कार्य बोझ वाले पदों पर तैनात कर्मी भी ऐसे रोगों की चपेट में हैं जो ज्यादातर आरामतलबी लोगों में होता है.
अब हाईपरटेंशन को ही लें, यह रोक अधिकारियों में कम गैंग मैन, की-मैन जैसे निचले स्तर के रेल कर्मियों में ज्यादा हो रहा है. इस रोगों का फैलाव सुरक्षा व संरक्षा के लिए घातक है. मंडल में हृदय रोग, डायबीटीज, वायरल इंफे क्सन व डायरिया जैसे रोगों की संख्या कम नहीं है. हालांकि मंडल में कालाजार और मलेरिया जैसे रोगों से पीड़ित कर्मियों की संख्या नगन्य है.
डेढ़ हजार से अधिक रेलकर्मी हैं हाइपरटेंशन से ग्रसित : समस्तीपुर रेल मंडल में मुख्यालय समेत उत्तर बिहार के 14 जिलों में फैले विभिन्न स्टेशनों और यार्डों के लगभग 11 हजार रेल कर्मी कार्यरत हैं जिसमें से रोजना करीब चार सौ रेल कर्मी विभिन्न रोगों से ग्रस्त होकर मंडलीय रेल अस्पताल पहुंच रहे हैं.
इसके अलावा भी रेलकर्मी निजी तौर पर विभिन्न डॉक्टरों के यहां इलाज कराते हैं. मंडलीय रेल अस्पताल में पिछले छह माह के दौरान इलाज कराने वाले रेल कर्मियों में सिर्फ मुख्यालय के 1500 रेलकर्मी हाईपरटेंशन से ग्रसित हैं, इसके अलावा 500 रेल कर्मी हृदयरोग, 515 रेलकर्मी डायबीटीज के रोगी हैं.
गैंगमैन व की-मैन हो रहे ज्यादा बीमार: इन रोगियों में छोटे-बड़े 115 अधिकारियों को छोड़ दें तो शेष रोगी गैंगमैंन, की-मैन, गेट मैन, चालक, गार्ड और लिपिक स्तर के कर्मचारी हैं. हालांकि इसके में सबसे ज्यादा गैंगमैन हैं. ट्रेन परिचालन को संवेदनशील माने जाने वाले इन कर्मियों में रोग हो जाने से सुरक्षा व संरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया है.
बोलीं मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी
अस्पताल की मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मोनिका सिंह ने बताया कि हाई पर टेंशन ,हृदय रोग और डायबीटीज जैसे रोग गैंगमैन व की मैंन को होना आश्चर्य की बात हैं. चुकी यह रोग आरामतलबी लोगों को होता है. पिछले वर्ष से अचानक बढ़े इस रोग को देखते मंडल में घूम-घूम कर जांच शिविर लगाया जा रहा है.
अस्पताल में रोज ब्लड प्रेशर आदि जांच की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह अंनगार, रोसड़ा व मेंहसी में हेल्थकैंप लगाया जाएगा.
बदलाव बन रहा बीमारी की वजह
रेलवे सूत्रों पर भरोसा करें तो इन दिनों गैगमैन व की मैन जैसे रेलकर्मी फील्ड में कम अधिकारियों के बंगले पर ज्यादा दिखते हैं. फलस्वरूप में उनका शरीर आराम तलबी हो गया है.
जिसके कारण वे रोगों के शिकार हो रहे हैं.कर्मचारियों के घरेलू उपयोग पर रेलवे यूनियन आये दिन आंदोलन भी करता रहा है. हाल ही में एक अधिकारी के बंगले पर रेलकर्मी के घरेलू उपयोग पर रेलवे यूनियन ने धरना-प्रदर्शन भी किया था.
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