ग्रामीणों के जुटने पर सबो ने उसे निकाला तबतक उसकी मौत हो चुकी थी. गौरतलब है घटना के समय मृतक के चार पुत्रों में घर पर कोई भी नहीं था. सूचना प्राप्त होने पर बड़ा लड़का मो. गुलाब जो अपने ससुराल हायाघाट के अलियाबाद में रहता था पहुंच गया है. ग्रामीणों की मानें तो यह घटना सुनियोजित थी. घर में मौजूद मो. अख्तर ने भाई, भतीजा, पुत्र, पुत्री सहित 20-25 व्यक्तियों से मिलकर घटना को अंजाम दिया है. शव के साथ सबों के समस्तीपुर जाने के कारण प्राथमिकी समाचार प्रेषण तक दर्ज नहीं होपायी है.
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भूमि विवाद में गवाह बनना महंगा पड़ा मनीर को
वारिसनगर: थाना क्षेत्र के मोगलानीचक गांव स्थित मसजिद में चल रहा भूमि विवाद में मो. मनीर को गवाह बनना मंगलवार को काफी महंगा पड़ा. इसकी कीमत दूसरे गुट ने सुबह नमाज अदा करने के साथ ही उसकी जान लेकर अदा कर दी. मार्च 2013 में मसजिद के बगल में इसमें जाने के लिए जमीन के […]
वारिसनगर: थाना क्षेत्र के मोगलानीचक गांव स्थित मसजिद में चल रहा भूमि विवाद में मो. मनीर को गवाह बनना मंगलवार को काफी महंगा पड़ा. इसकी कीमत दूसरे गुट ने सुबह नमाज अदा करने के साथ ही उसकी जान लेकर अदा कर दी.
मार्च 2013 में मसजिद के बगल में इसमें जाने के लिए जमीन के खेसरा नंबर 63 के नौ धुर जमीन की रजिस्ट्री सतमलपुर के गजेंद्र सिंह व विनय सिंह से करवाया गया था. जमीन रजिस्ट्री के बाद ग्रामीण मो. अख्तर हुसैन ने न्यायालय में टाइटल शूट कर दिया. क्षेत्र के बुद्धिजीवियों ने कई बार पंचायत कर मामला सुलझाने का भी प्रयास किया परन्तु मामला नहीं सुलझा. इधर इस मामले में मंगलवार को मनीर की गवाही निर्धारित थी. सुबह 5 बजे मनीर मसजिद से नमाज अदा कर बाहर निकला ही था कि अख्तर ने उसे अपने घर में खींच लिया. इनसे आगे चल रहे मो. मोइनुद्दीन, मो. हबीब, नूर आलम तथा मो. कमरूल को जब इसका अहसास हुआ तो हल्ला करते दौड़े तो घर के उपर से मिर्च पाउडर तथा ईंट पत्थर से हमला शुरू हो गया.
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