समस्तीपुर : नगर परिषद सभापति को चुने दो साल पूरे होने में चंद दिन रह गए हैं, लेकिन इससे पहले ही पार्षदों के एक धड़े ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है. खास बात यह है कि विरोधी गुट में दलीय मतभेद भुलाकर एक साथ हैं. सूत्रों की माने, तो शनिवार को […]
समस्तीपुर : नगर परिषद सभापति को चुने दो साल पूरे होने में चंद दिन रह गए हैं, लेकिन इससे पहले ही पार्षदों के एक धड़े ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है. खास बात यह है कि विरोधी गुट में दलीय मतभेद भुलाकर एक साथ हैं. सूत्रों की माने, तो शनिवार को पार्षदों की गुप्त बैठक भी हुई.
बाद में मीडिया के सामने अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी की बात भी पार्षदों ने स्वीकारी. बताते चलें कि करीब एक माह से विरोधी खेमा गुपचुप तैयारी कर रहा था, अब मीडिया के सामने भी बोलने लगे है.
सभापति को सीट बचाने के लिए 15 पार्षद तथा विरोधी गुट को 10 पार्षद चाहिए. बताते चले कि नप में कुल पार्षदों की संख्या 29 है. वहीं सभापति ने भी प्रस्ताव को पास नहीं होने देने के तैयारी शुरू कर दी है. वही पार्षदों के दूसरे धड़े की माने, तो अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चलाए जा रहे संपर्क अभियान पर पानी फेर सकते है. आवेदन पर हस्ताक्षर कर कुछेक पार्षद विपक्ष को गुमराह भी करने की मंशा पाल रखी है.
हालांकि विपक्ष धड़े की माने तो उन्हें 17 से 18 पार्षदों का साथ इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मिल रहा है. इस विपक्ष धड़े में कुछेक वही पार्षद है जो चुनाव के वक्त एकजुटता के साथ तो खड़े थे,लेकिन इसमें ऐन वोटिंग के वक्त सेंधमारी कर ली गयी थी और इनकी रणनीति धरी की धरी रह गयी थी. इधर मीडिया से बातचीत में सभापति के विरोधी गुट में शामिल पार्षद कुमारी मीरा मिश्रा ने कहा कि दो साल से शहर का विकास ठप हो गया है.
नगर परिषद में भ्रष्टाचार व्याप्त है. जनता पार्षदों को कोस रही है, ऐसे में उनके पास कोई विकल्प नहीं है. जनता के दुख-दर्द को समझकर विकास के लिए सभी पार्षद एक जुट हो गए हैं. वही नप सभापति तारकेश्वर नाथ गुप्ता ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात मेरे भी सुनने में आई है. कुछ पार्षद से संपर्क साधा गया है लेकिन कामयाबी नहीं मिलनेवाली है.