समस्तीपुर : नगर परिषद में मुख्य व उपमुख्य पार्षद चुनाव में कुछ दिन शेष है. उक्त दो पदों के लिए दो गुटों में बंटे राजनीतिक धुरंधर अब तक जादुई आंकड़ा से संतुष्ट नहीं है. जैसे-जैसे चुनाव की तिथि निकट आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक परिदृश्य भी बदल रहा है. दो गुटों में बंटे किंगमेकरों की भी राजनीतिक उठा पटक से परेशानी बढ़ गयी है. तसवीर साफ होती नजर नहीं आ रही है. राजनीतिक गलियारों में तीसरे गुट की पटकथा भी लिखी जानी प्रारंभ हो चुकी है.
मालूम हो कि 29 वार्ड पार्षदों वाले नगर परिषद में हर रोज नये-नये समीकरण बन रहे हैं. जनसंपर्क के बाद कुछ मायूस हो रहे हैं, तो कुछ अपने पक्ष में हवा चलने की बात कह रहे. वहीं कुछेक पार्षद के रिश्तेदार मीडियाकर्मी का भी सहारा ले रहे हैं. इधर, उपाध्यक्ष पद को लेकर एक पार्षद पति दिनभर पार्षदों को एकजुट करने में जुटे हुए हैं. लेकिन समय के साथ कुछ बदलाव के बहे राजनीतिक बयार से दृश्य में बदलाव के आसार है. बीच-बीच में समीकरण में बदलाव की बात सामने आ रही है.
नव निर्वाचित पार्षदों में कई ऐसे हैं, जो गुट से बाहर रहकर तटस्थ हैं. तटस्थ पार्षद किसी भी समय राजनीतिक परिदृश्य को बदल देने में अहम भूमिका निभाकर लोगों को चौंका सकते हैं. ऐसी परिस्थिति में राजनीतिक पंडितों का गणित फेल होगा. वहीं अपने को प्रबल दावेदार मान रहे पार्षद कुरसी के निकट पहुंचकर औंधे मुंह भी गिर सकते हैं. ऐसे में लक्ष्मी की माया शायद किसी पर भारी पड़ जाये. कुछ कहा नहीं जा सकता है. अब देखना है कि कुरसी के इस खेल में ऊंट किस करवट बैठता है. पार्षदों की माने, तो एक-दो दिनों में दोनों पद के लिए सहमति बन जायेगी.