स्वास्थ्य, शिक्षा एवं रोजगार को बता रही अपनी प्राथमिकता सहरसा पिछले एक माह से जारी महिला संवाद कार्यक्रमों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी देखने को मिल रही है. बुधवार को जिले के 24 ग्राम संगठनों में महिला संवाद का आयोजन किया गया. इन कार्यक्रमों में बिहार सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गये कदमों एवं योजनाओं की जानकारी साझा की गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाते महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं एवं स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ रही हैं. कई महिलाओं ने आरक्षण का लाभ लेकर पंचायत चुनावों में हिस्सा लिया. वहीं कुछ शिक्षिका एवं कुछ पुलिस बल में शामिल होकर समाज सेवा कर रही हैं. मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना एवं सतत जीविकोपार्जन योजना जैसी योजनाओं के सहारे कई महिलाएं अपने व्यवसाय की शुरुआत कर रही हैं. इन प्रयासों ने राज्य को महिला सशक्तिकरण की दिशा में नई पहचान दिलाई है. महिलाओं की आकांक्षाओं को मिला मंच महिला संवाद कार्यक्रमों के जरिए महिलाएं अपनी अपेक्षाओं एवं सुझावों को सरकार तक पहुंचा रही हैं. सौरबाजार प्रखंड के नादो पंचायत में आयोजित संवाद कार्यक्रम में जमुना देवी ने अपने विचार साझा करते कहा कि सरकार की नीतियों ने महिलाओं को अपनी आवाज उठाने का अवसर दिया है. अब महिलाएं अपनी मांगों को स्पष्ट रूप से सरकार के सामने रख पा रही हैं. 804 ग्राम संगठनों में सफल आयोजन जिले में अब तक कुल 804 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं. बुधवार के 24 कार्यक्रमों में भी महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इन कार्यक्रमों से महिलाओं को अपने गांव के विकास पर चर्चा का अवसर मिल रहा है. साथ ही योजनाओं से मिले लाभ के अनुभव साझा करके वे अन्य महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं. स्वास्थ्य, शिक्षा एवं रोजगार प्राथमिकता में संवाद कार्यक्रमों के दौरान महिलाओं ने स्वास्थ्य, शिक्षा एवं रोजगार को सबसे बड़ी समस्याएं बताया. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के विशेष अवसर बनाए जाने चाहिए. इसके साथ ही ग्रामीण हाट के विकास पर भी जोर दिया. जिससे महिलाएं अपने उत्पादों को आसानी से बेच सके.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है