महिषी. मुख्यालय सहित क्षेत्र के सभी जगहों पर विष्णु के अवतार भगवान श्रीकृष्ण का त्रिदिवसीय जन्मोत्सव श्रद्धा व हर्षोल्लास से मनाया गया. हजारों की संख्यां में कृष्ण अनुरागी लोगों ने पूजा स्थल पहुंच पूजा-अर्चना व दर्शन नमन कर पारिवारिक सुख शांति का आशीर्वाद लिया. सभी घरों की कुंवारी कन्या व मातृ शक्तियों ने निर्जला व्रत व उपवास कर श्रीकृष्ण में अपनी आस्था व्यक्त करते अभिष्ठ सिद्धि की कामना की. इस अवसर पर पश्चिमी कोसी तटबंध पर स्थित घोंघेपुर व गंडोल चौक पर पूजा समिति के आयोजकों ने भक्तों व श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए रात्रि में जागरण का आयोजन कराया. मुख्यालय महिषी में रविवार को मूर्ति विसर्जन किया गया. वहीं घोंघेपुर व गंडोल में सोमवार को वैदिक रीति रिवाज़ से पूजा संपन्न कर पूजा स्थल पर प्रतिष्ठित भगवान श्रीकृष्ण, बलराम, नंद बाबा, यशोदा माता सहित सहित अन्य देवताओं की प्रतिमा को कोसी में प्रवाहित किया. घोंघेपुर मेला में विधि व्यवस्था पर पैनी नजर बनाये रखने के लिए पूजा समिति ने सीसीटीवी लगाया था. संयोजक सह मेला कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मुखिया महेंद्र साह की अगुवाई व शिक्षक गौतम कुमार के संयोजन में समाजसेवी राजकुमार साह, लालो साह, बैजू राय, कुंदन राय, तारा कांत राय, राजेंद्र मुखिया, जहूरी, सादा, महेंद्र सादा, पृथ्वी चंद सादा सहित अन्य ने पूजा व मेला संयोजन में अहम भूमिका निभाई. थानाध्यक्ष जय शंकर कुमार व ओपी अध्यक्ष ममता के नेतृत्व में पुलिस बल के जवान सतत निगरानी में लगे रहे. समाचार प्रेषण तक कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है. फोटो – सहरसा 08 – घोंघेपुर में प्रतिष्ठित भगवान कृष्ण सहित अन्य देवी-देवता. नम आंखों से भगवान श्रीकृष्ण को दी विदाई, प्रतिमा के पीछे निकल पड़ा पूरा गांव सोनवर्षा. क्षेत्र के विभिन्न गांवों में कृष्णाष्टमी को लेकर दो दिवसीय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व संपन्न हो गया. इस दौरान पूजा पंडालों में स्थापित भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमाओं का सोमवार को भक्तों ने भक्ति धुन व गाजे-बाजे के साथ पवित्र नदी तिलाबे में नम आंखों से विसर्जित किया. इस दौरान देहद पंचायत के देहद ग्राम एवं बेहट गांव में ड्योढ़ी स्थित स्थापित भगवान श्रीकृष्ण की भव्य प्रतिमाओं को सोमवार दोपहर पूजा-अर्चना के बाद कीर्तन भजन करते समदाउन की धुन पर अश्रुपूरित नेत्रों से विदा किया. साथ ही पुरानी परंपरा के अनुसार मुख्य सड़क होते भ्रमण के दौरान आगे आगे पुरूषों के कंधे पर भगवान की प्रतिमा व सैकड़ों की संख्या में भक्तजन डीजे पर थिरकते बेहट गांव की सीमा गणेश मंदिर पर प्रतिमा को ले गये. जहां भगवान श्रीकृष्ण की एक झलक पाने के लिए गांव की महिलाएं कतारबद्ध होकर खड़ी थी. अपने भगवान को बिछड़ते देख हर एक के आंखों में आंसू निकल आये थे. विसर्जन के दौरान गगनचुंबी राधे राधे की गूंज, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की नारे एवं श्रीकृष्ण की प्रतिमा के पीछे सारा गांव ही इन्हें विदा करने उमड़ उमड़ पड़ा. ग्राम भ्रमण के बाद भगवान श्रीकृष्ण प्रतिमा को नमन कर पवित्र सुरसर नदी में विसर्जित किया गया. फोटो – सहरसा 09 – भगवान श्रीकृष्ण को विदाई देते श्रद्धालु.
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