नगर आयुक्त ने समझा बुझाकर कराया मामला शांत, निगम से वेतन भुगतान का दिया आश्वासन निगम पार्षदों से मांगा गया है अनुपस्थिति विवरणी सहरसा . नगर निगम की सफाई एजेंसी के तहत कार्यरत रहे सफाई कर्मी पिछले 12 दिनों से अधिक समय से अपने वेतन भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. लगातार आश्वासन से परेशान सफाई कर्मी गुरुवार को महापौर के आवास का घंटों घेराव कर अपने वेतन भुगतान की मांग पर अड़े थे. हालांकि महापौर घर पर नहीं थी. उनके द्वारा दूरभाष पर नगर आयुक्त को इस संबंध में जानकारी दी गयी. जानकारी मिलने पर नगर आयुक्त सुशील कुमार मिश्रा ने महापौर के गंगजला स्थित आवास पहुंचकर हड़ताली सफाई कर्मियों को समझाकर वापस किया एवं नगर निगम कार्यालय में वार्ता की. मालूम हो कि दो गुटों में बंटे सफाई कर्मियों के एक गुट के 266 सफाई कर्मियों द्वारा शहर में सफाई व्यवस्था की जा रही है, जो पर्याप्त नहीं है. एनजीओ के माध्यम से कार्यरत सफाई कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. जिससे घरों से कचरा उठाव नहीं हो रहा है. साथ ही चौक चौराहों पर भी कचरे का जमाव देखा जा सकता है. नगर आयुक्त ने सफाई एजेंसी एम ऑफ पीपल के अनुबंध को रद्द कर दिया है. जिसकी विभाग से भी स्वीकृति मिल गयी है. लेकिन अपने लगभग ढ़ाई महीने के वेतन भुगतान की मांग को लेकर सफाई कर्मी लगातार निगम का चक्कर लगा रहे हैं. निगम अपने स्तर से करेगा भुगतान इस बाबत नगर आयुक्त ने बताया कि सफाई कार्य एजेंसी का अनुबंध रद्द कर दिया गया है. ऐसे में सफाई कार्य एजेंसी को सफाई कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए राशि नहीं दी जा सकती है. सफाई एजेंसी को राशि दी गयी तो वह इन सफाई कर्मियों को वेतन देंगे या नहीं, यह कहीं से भी आश्वासन एवं लिखित नहीं मिल रहा है. ऐसे में नगर निगम अपने स्तर से कार्यरत सभी सफाई कर्मियों के भुगतान के लिए आवश्यक प्रक्रिया में जुटा है. उन्होंने बताया कि निगम के सभी 46 निगम पार्षदों से कार्यरत सफाई कर्मियों के अनुपस्थित विवरणी, खाता नंबर की मांग की गयी है. जिससे कार्यरत सभी सफाई कर्मियों का भुगतान किया जा सके. उन्होंने कहा कि इनके अलावे शहर की सफाई व्यवस्था के लिए विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है. जिस आलोक में आगे की कार्रवाई होगी. वहीं महापौर बैन प्रिया ने नगर आयुक्त सहित विभागीय मंत्री, सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी एवं नगर आयुक्त को पत्र भेज हड़ताली सफाई कर्मियों के बकाये वेतन भुगतान शीध्र करने की मांग की है. नगर आयुक्त को दिए पत्र में उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों का मार्च एवं अप्रैल 2025 का बिल बकाया है. लगातार बातचीत कर निर्देश दिया गया कि सफाई कर्मियों का लंबित भुगतान यथाशीघ्र की जाये. लेकिन आपने जानबूझकर भोले-भाले सफाई कर्मियों का भुगतान नहीं किया. भुगतान नहीं होने से कर्मियों की स्थिति काफी दयनीय हो गयी है. भोले-भाले कर्मियों को उनके खिलाफ साजिशन भड़काने के लिए भुगतान नहीं किया गया. जिसके चलते सफाई कर्मी काफी उग्र हो गये एवं उनकी अनुपस्थिति में घर पर काफी हंगामा किया. जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हुई है. यह उनके खिलाफ एक षडयंत्र है जो आपके द्वारा रचा गया है. उन्होंने निर्देश दिया कि सफाई कर्मियों का यथाशीघ्र लंबित भुगतान 24 घंटे के अंदर करें.
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