मनरेगा में भ्रष्टाचार की फिर खुली पोल कहरा. सरकार द्वारा मनरेगा ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न विकास योजनाओं द्वारा मजदूरों को रोजगार देने और मजदूरों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए संचालित किया गया था. लेकिन मनरेगा के अधिकारियों और कर्मियों की कार्यशैली पूर्व से ही विवादित रहने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में इसका शत-प्रतिशत लाभ गरीब मजदूरों को नहीं मिल पा रहा है. इसके उलट मनरेगा से जुड़े अधिकारी और कर्मी सहित बिचौलिया मालामाल हो रहे हैं. प्रखंड के बरियाही पंचायत के मनरेगा रोजगार सेवक द्वारा मनरेगा से जुड़े एक योजना को पास करा भुगतान कराने के लिए लाभुक से रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हो रहा है. हालांकि इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि प्रभात खबर नहीं करता है. लेकिन रोजगार सेवक द्वारा अपने पंचायत के किसी व्यक्ति से रुपये लेना एक प्रश्न चिन्ह पैदा करता है. इस संबंध में पीड़ित लाभुक बरियाही पंचायत के रहुआ मणि निवासी दयानंद ठाकुर ने बताया कि मेरी पत्नी पूजा देवी ने पंचायत में मनरेगा मेट के रूप में कार्य किया था. जिसकी मजदूरी का भुगतान मनरेगा कार्यालय से नहीं किया जा रहा था. रोजगार सेवक द्वारा रुपये की मांग की गयी. तब मेरे पुत्र को अलतेश कुमार ने दस हजार रुपए रोजगार सेवक मनोरंजन कुमार को अपने घर पर दिया. वहीं रोजगार सेवक मनोरंजन कुमार ने वायरल वीडियो के संबंध में बताया कि वीडियो पुराना है. दयानंद ठाकुर ने मुझसे रुपये लिए थे, वही रुपया वापस किया है. मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी लाल मोहन राय ने भी अपने कर्मी की बचाव करते हुए कहा कि दयानंद ठाकुर ने ही रोजगार सेवक से पंद्रह हजार रुपए लिए थे. जिसमें दस हजार रुपये ही वापस किया है. जब आरोपी रोजगार सेवक मनोरंजन कुमार से पंचायत में मनरेगा में कार्य कराने के बदले महाजनी करने का सवाल किया तो उन्होंने चुप्पी साध ली.
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