सौरबाजार. प्रखंड प्रमुख पर अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पंचायत समिति सदस्यों और लोगों के बीच असमंजस की स्थिति है. 18 अगस्त को प्रखंड के आधे से अधिक पंचायत समिति सदस्यों ने प्रखंड प्रमुख पर योजना संचालित करने में भेदभाव और हर काम में मनमानी करने का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन दिया था. जिसके बाद 26 अगस्त को प्रखंड कार्यालय द्वारा 2 सितंबर को विशेष बैठक बुलाकर बहुमत सिद्ध करने के लिए सभी समिति को पत्र जारी किया गया था. जबकि प्रमुख नजमुन निशा ने 27 अगस्त को अपने समर्थकों के साथ जिला पंचायती राज पदाधिकारी को आवेदन देकर सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि दुबारा अविश्वास प्रस्ताव नहीं लगाया जा सकता है. आवेदन पर विचार करते हुए पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा बीडीओ को पत्र जारी कर तत्काल प्रभाव से अविश्वास प्रस्ताव स्थगित रखने का आदेश जारी किया गया है. जबकि दूसरे पक्ष अविश्वास प्रस्ताव लगाने वाले समिति सदस्य रेखा देवी और उनके समर्थकों का कहना है कि पहली बार प्रमुख पर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लग पाया था. जिसके कारण यह उन पर पहला अविश्वास प्रस्ताव लगाया गया है. हमलोग सभी समिति सदस्य उनके व्यवहार से तंग आ चुके हैं और इसकी मनमानी से 4 वर्षों में हमलोगों के पंचायत में समिति मद से कोई विकास का काम नहीं हो पाया है. अब इस मामले में जिला और प्रखंड स्तर के वरीय पदाधिकारी क्या निर्णय लेते हैं, क्या हो पायेगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है.
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