तीन लाख से अधिक महिलाओं ने अब तक दी है सक्रिय भागीदारी सहरसा. बिहार सरकार द्वारा आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बनकर उभरा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य ना केवल महिलाओं को उनके अधिकारों व योजनाओं की जानकारी देना है, बल्कि उन्हें अपने अनुभव साझा करने व अपनी आकांक्षाओं को प्रकट करने का मंच भी प्रदान करना है. कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को सरकार द्वारा चलाई जा रही महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जा रही है. इनमें महिला आरक्षण, नशामुक्ति अभियान, बाल विवाह उन्मूलन, मुख्यमंत्री मेधावृत्ति योजना, बालिका पोशाक व साइकिल योजना, सतत जीविकोपार्जन योजना, जीविका जैसी योजनाओं को प्रमुखता से उजागर किया जा रहा है. महिला संवाद कार्यक्रम में डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से तीन लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है. जो राज्य सरकार की योजनाओं की सफलता एवं उनके प्रभाव को दर्शाती है. फिल्में महिलाओं के जीवन में हुए सकारात्मक बदलाव को उजागर करती है व उन्हें इन योजनाओं से लाभ उठाने के लिए प्रेरित करती है. साथ ही जागरूकता बढ़ाने के लिए महिलाओं के बीच योजनाओं से संबंधित लीफलेट्स का वितरण भी किया जा रहा है. कार्यक्रम के दौरान महिलाएं खुलकर अपनी समस्याएं व अपेक्षाएं सरकार के सामने रख रही हैं. इनमें स्वास्थ्य सेवाओं की सुधार, आधारभूत संरचनाओं का विकास, पेंशन राशि में वृद्धि, उच्च शिक्षा के अवसरों का विस्तार, सामुदायिक शौचालय एवं पुस्तकालय निर्माण जैसे विषय प्रमुख हैं. महिलाएं जीविका भवन निर्माण की मांग भी कर रही हैं. जिससे उनके कार्यों में और अधिक सुविधा हो सके. जिले में अब तक यह कार्यक्रम 1175 जीविका ग्राम संगठनों में आयोजित किया जा चुका है. जिसमें तीन लाख से अधिक महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी की है. इन संवादों के माध्यम से अब तक 32134 आकांक्षाओं को मोबाइल ऐप में दर्ज किया गया है. जिन्हें सरकार तक पहुंचाने की प्रक्रिया जारी है.
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