19 जुलाई 2020 को मां-बेटे ने मिलकर रजनीश कामत की कर दी थी हत्या
सहरसा.व्यवहार न्यायालय के जिला व सत्र न्यायाधीश गोपाल जी की अदालत ने गुरुवार को बिहरा थाना में दर्ज मामले में दो व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. बिहारा थाना क्षेत्र के सिहौल निवासी विकास कामत व उसकी मां तेतरी देवी को हत्या करने के जुर्म में दोषी पाकर भदवि की धारा 302/34 के तहत दोनों अभियुक्त को आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये का जुर्माना किया. जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक राजेश्वर प्रसाद यादव व अपर लोक अभियोजक हरि शेखर मिश्रा ने कोर्ट से कहा कि यह एक जघन्य अपराध है. इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा दी जाय. उन्होंने पांच साक्षियों का बयान कोर्ट में प्रस्तुत किया. जिन्होंने घटना का पूर्ण रूप से समर्थन किया. मालूम हो कि उक्त वाद के सूचक बिहरा थाना क्षेत्र के गोपाल कामत ने 20 जुलाई 2020 को बिहरा थानाध्यक्ष के सामने अपना फर्द बयान अंकित कराते कहा कि वे 19 जुलाई को अपने घर पर अपने बड़े भाई अनिल कामत से सड़क को थोड़ा चौड़ा कर टाट लगाने की बात कही. जिस पर अनिल कामत की पत्नी तेतरी देवी आकर गाली-गलौज करने लगी. लोगों के समझाने बुझाने के बाद मामला शांत हो गया. लेकिन लगभग आधे घंटे के बाद मनोज कामत के घर के पास पक्की सड़क पर तेतरी देवी पति अनिल कामत व उसके पुत्र विकास कामत ने उन्हें घेर लिया व सड़क पर पटक दिया. विकास कामत ने उसकी छाती पर चाकू से प्रहार किया. चिल्लाने पर उनका पुत्र रजनीश कुमार कामत बचाने आया. लेकिन विकास कामत व उसकी मां तेतरी देवी ने उसे पटक कर चाकू से गर्दन पर हमला किया. आनन-फानन में उसे कुछ अन्य लोगों के सहयोग से सदर अस्पताल लाया. जहां डॉक्टर ने पुत्र रजनीश कुमार कामत को मृत घोषित कर दिया.
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