9.2 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

चाइनीज सामानों से कड़ा मुकाबला कर रहे हैं कुंभकार

चाइनीज सामानों से कड़ा मुकाबला कर रहे हैं कुंभकार

दीपावली में होने वाली कमाई पर भी लगने लगा है ग्रहण पतरघट. मिट्टी के बर्तन, दीप, ढिबरी बनाने के लिए अपने पुश्तैनी धंधे से जुड़े कुम्हार जाति के लोगों को बाजारवाद की होड़ में इन दिनों चाइनीज सामानों से कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है. दशहरा, दीपावली, छठ पूजा सहित विभिन्न धार्मिक आयोजन व शादी समारोह के लिए उपयोगी सामानों को बनाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले कुंभकारों को बाजार में चाइनीज आइटमों के उपलब्ध रहने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पहले दीपावली में सभी लोग मिट्टी के दीये जलाते थे. जिसके कारण कुंभकारों का जीवन बड़े आराम से चलता था. मांग कम होने से अब हालात ऐसे हो गये हैं कि साल में कम से कम एक बार दीपावली में होने वाली कमाई पर भी ग्रहण लगने लगा है. इधर हाल के दिनों से मोमबत्ती जलाने के साथ साथ ज्यादातर लोग चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक सामानों से अपने घरों को सजाते हैं. बाजारों में चाइनीज सामान सस्तीं व खबसूरत होने के कारण खरीद तो लेते हैं, लेकिन इसके दुष्प्रभाव से अंजान बने रहते हैं. चाइनीज आइटमों की तुलना में देसी कलाकारों द्वारा मिट्टी से बनाये गये खिलौने और मूर्तियों की अब डिमांड काफी कम हो गयी है. मिट्टी के खिलौने के साथ-साथ दीप, कड़ाही, धूपदानी, घड़ा, सुराही सहित अन्य सामग्री बनाने के लिए एक तो मिट्टी भी अब बहुत मुश्किल से मिलती है ओर अगर मिल भी जाती है तो काफी महंगी तथा ऊंची कीमतों पर खरीदना पड़ता है. जिसके कारण क्षेत्र के सभी कुंभकार परिवारों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. कम आय होने से देसी कलाकारों की यह जमात अभी भी गरीबी का दंश झेलने को विवश है. स्थानीय गोपाल प्रजापति, विपिन प्रजापति, नरेश प्रजापति सहित अन्य ने बताया कि मिट्टी की बनीं सामग्री की बाजार में इधर हाल के दिनों में मांग कम होने से हम सबों को बहुत समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. इसलिए लाचारी में अब नयी युवा पीढ़ी अपने पुश्तैनी धंधे में जाने के नाम पर ही भड़क जाती है. इस बाबत प्रखंड कुंभकार संघ के प्रखंड अध्यक्ष शिवशंकर प्रजापति ने बताया कि हम सब देसी कलाकार हैं. हम सब विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक उत्सवों के लिए देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का निर्माण कार्य करते हैं. लेकिन सरकार के द्वारा हम सबों को कोई सुविधा व सहयोग नहीं दिया जा रहा है. न हीं कोई जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. सिर्फ मौखिक आश्वासन देकर बहलाने का काम किया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel