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होली के स्वागत में रंगीन हुआ बाजार
रंगोत्सव. सज गयी रंग-गुलाल की दुकानें, बच्चों ने खरीदी पिचकारी, कुरता-पायजामे की दुकान पर भीड़ होली को लेकर बाजार में चहल-पहल बढ़ गयी है. रंग-गुलाल की दुकानों पर खरीदारी तेज हो गयी है. वहीं कुरता-पायजामे की दुकानों पर भी भीड़ देखी जा रही है. होली को लेकर बच्चों में खासा उत्साह है. शादी के बाद […]
रंगोत्सव. सज गयी रंग-गुलाल की दुकानें, बच्चों ने खरीदी पिचकारी, कुरता-पायजामे की दुकान पर भीड़
होली को लेकर बाजार में चहल-पहल बढ़ गयी है. रंग-गुलाल की दुकानों पर खरीदारी तेज हो गयी है. वहीं कुरता-पायजामे की दुकानों पर भी भीड़ देखी जा रही है. होली को लेकर बच्चों में खासा उत्साह है. शादी के बाद पहली होली के लिए नये पाहुन के स्वागत की भी खासी तैयारी की जा रही है.
सहरसा :फागुन महीने के अंत एवं चैत के आगमन के साथ ही लोगों के घर से लेकर दुकानों तक में होली का असर दिखने लगा है. होली के मशहुर गीतों में होली के दिन दुश्मन भी गले लग जाते हैं…, होली खेले रघुवीरा अवध में… हम गोकुल जाएब, रहिया बता द कन्हैया…जैसे एक से बढ़कर एक गीत होली के माहौल को बनाने में कामयाब हो रहे हैं.
वहीं तीन दिन बाद ही जिले के विभिन्न क्षेत्रों में रंगों की बौछारें शुरू हो जायेगी. होली के त्योहार के लिए शहरी सहित ग्रामीण इलाके के लोग पूरी तरह तैयार हैं. या यूं कहें कि रंगों का खुमार सप्ताह भर पहले ही आम जनों के सर चढ़ कर बोल रहा है. इधर होली के स्वागत में बाजार भी सजधज कर पूरी तरह तैयार है. लाल, पीला, हरा, गुलाबी रंग सहित तरह तरह के अबीर गुलाल एवं आकर्षक पिचकारियों से गली गली की दुकानें पट चुकी हैं. शहर से बाहर रहने वाले परदेशियों के घर आने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. जगह-जगह होली मिलन समारोह के आयोजन ने पर्व के उमंग व उत्साह को दूना कर दिया है. जिला मुख्यालय से आठ किमी दूर बनगांव में तीन दिवसीय होली महोत्सव बुधवार 11 मार्च को शुरू हो जायेगा. महोत्सव के पहले दिन धूलंडी व दूसरे दिन रंग-गुलाल का लोग लुत्फ लेंगे.
सब मिल खेलेंगे होली
हिंदू धर्म का सर्वाधिक लोकप्रिय समझा जाने वाला यह त्योहार धर्म व मजहब की दीवार लांघ चुका है. जिले भर में अब यह पर्व सभी धर्म के लोग साथ मिलकर मनाते हैं. जन अधिकार पार्टी द्वारा बुधवार को कला भवन में व केमिस्ट्र एंड ड्रगिस्ट संघ द्वारा गुरुवार को शंकर चौक पर होली मिलन का आयोजन किया जायेगा. जाप प्रवक्ता शैलेंद्र शेखर कहते हैं कि होली का मतलब बुराई पर अच्छाई की जीत है. इसलिए वे इस भावना के साथ निश्चित रूप से इस उत्साह में शरीक होते हैं.
पकवान की तैयारी पूरी
अमूमन बाजार की मिठाइयों पर निर्भर रहने वाले पर्वों से भिन्न होली में घर- घर पुआ पकवान बनाने की तैयारी जोरों पर है. गृहिणियों द्वारा पुआ, पूरी, दही बड़ा व तरह तरह की सब्जियों के खरीदारी की लिस्ट को अंतिम रूप दिया जा चुका है. जबकि कई घरों में सारे सामानों की खरीदारी कर भी ली गयी है. पर्व को लेकर बाजार के बड़े दुकानों से लेकर मुहल्ले के किराना दुकानों में मैदा, सूजी, चना दाल, उड़द दाल, कटूक मसाला सहित अन्य मसालों के पाउडर का पूरा स्टॉक रखा गया है.
नॉनवेज पर रहेगा जोर
हालांकि शहर के चार दर्जन से अधिक मांस विक्रेता सहित ढाई दर्जन से अधिक चिकेन सेंटर में बकरा व मुर्गों का भरपूर स्टॉक रखा है. इसके अलावा गांव-घरों में भी बकरे के मीट के लिए कई जगहों पर स्टॉल लगा बिक्री करने की तैयारी की जा चुकी है.
नोटबंदी बेअसर
होली खाने पीने व मस्ती का त्योहार है. लेकिन चीजों के लगातार महंगे होते जाने को लेकर त्योहार के उत्साह पर कुछ खास असर नहीं दिख रहा है. लोग बताते हैं कि नोटबंदी के बाद रुपये की कमी व थोड़ी सी महंगाई से त्योहार के उत्साह पर हम असर होने नहीं देते.
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