आज नहीं करने पर कल प्रशासन करायेगी खाली
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आवास खाली करने का मिला निर्देश
आज नहीं करने पर कल प्रशासन करायेगी खाली पूर्व में भी दिया गया था नोटिस सहरसा : जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रितेश रंजन की मां जिला पार्षद ललिता रंजन को सदर एसडीओ ने आदेश जारी कर 14 नवम्बर तक सरकारी आवास खाली करने अन्यथा प्रशासन द्वारा 15 नवम्बर को खाली कराये जाने का अल्टीमेटम […]
पूर्व में भी दिया गया था नोटिस
सहरसा : जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रितेश रंजन की मां जिला पार्षद ललिता रंजन को सदर एसडीओ ने आदेश जारी कर 14 नवम्बर तक सरकारी आवास खाली करने अन्यथा प्रशासन द्वारा 15 नवम्बर को खाली कराये जाने का अल्टीमेटम दिया है. जारी आदेश में एसडीओ ने कहा कि पूर्व में जारी आदेश के विरुद्व जिप उपाध्यक्ष ने आवेदन देकर सूचित किया था कि अब वे उस आवास में नही रहते हैं. वर्तमान जिप सदस्या ललिता रंजन उस आवास में रहती है.
जिन्होंने उच्च न्यायालय में सीडब्लूजेसी दायर किया है. जिसकी जानकारी डीडीसी को दी गयी. डीडीसी ने 28 अक्टूबर को सूचित किया कि जिप सदस्या द्वारा पूर्व उपाध्यक्ष के आवास को अतिक्रमण कर लिया है.
उसके बाद कोर्ट में मुकदमा दायर किया है. जिसमें स्थगन आदेश भी प्राप्त नही है. जबकि उन्हें यह आवास आवंटित नही है. यह आवास वर्तमान उपाध्यक्ष गंगासागर कुमार को आवंटित है. अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिये दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति का अनुरोध किया गया है. इस आलोक में कहरा सीओ शैलेंद्र कुमार को दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त कर उन्हें 14 नवम्बर तक आवास खाली नही रहने पर 15 नवम्बर को आवास को खाली कराने का निर्देश दिया गया है.
पूर्व में बैरंग लौट चुका है प्रशासन : पूर्व जिप उपाध्यक्ष रितेश रंजन के सरकारी आवास को खाली कराने गये प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट व सदर थाना पुलिस को बीते 28 अक्टूबर को बैरंग लौटना पड़ा था. मालूम हो कि पूर्व जिप सदस्य सह उपाध्यक्ष रितेश रंजन जिला परिषद के जिस सरकारी आवास में पहले रहते थे. अब उसी मकान में चुन कर आयी जिप सदस्या उनकी मां ललिता रंजन रह रही हैं. उस आवास को पहले ही की तरह अब नये जिप उपाध्यक्ष छत्री यादव को आवंटित कर दिया गया था और आवास खाली करने का नोटिश जारी कर दिया गया था. संबंधित अधिकारियों पर बढ़ते दबाव से एसडीओ ने आवास खाली करने को लेकर 28 अक्टूबर तक का डेड लाइन तय कर दिया था. आवास खाली कराने गये प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट कहरा सीओ व सदर थाना के एसआइ नितेश कुमार को बैरंग वापस आना पड़ा. जिप सदस्य ललिता रंजन ने जो उच्च न्यायालय में आवास को खाली कराने के मामले को चुनौती दी थी.
उस आलोक में कोर्ट ने जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी को निर्देश देते कहा कि चूंकि उक्त आवास को पूर्व जिप उपाध्यक्ष रितेश रंजन ने पहले ही खाली कर दिया है. जिप सदस्या ललिता रंजन वर्तमान में उस आवास में रह रही हैं. आवास आवंटन को लेकर ललिता रंजन रिट याचिका दायर की हुई हैं. इसलिये कोर्ट का आदेश है कि जब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं आ जाता है. तब तक आवास को खाली कराया जाना विधिसम्मत नहीं है. आवास खाली कराने के लिए गये मजिस्ट्रेट को ललिता रंजन ने कोर्ट के आदेश की प्रति सौंप दी. उसके बाद मजिस्ट्रेट सहित पुलिस बल को खाली हाथ लौटना पड़ा था.
क्या कहते हैं पूर्व उपाध्यक्ष
इस बाबत पूर्व जिप उपाध्यक्ष रितेश रंजन ने कहा कि मुझे व मेरी मां को अपमानित करने पर प्रशासन लगा है. यदि यह आवास जिप उपाध्यक्ष के नाम से नामित है तो प्रशासन संचिका सार्वजनिक करे. अन्यथा मेरी मां भी जिप सदस्य है. उसे आवास से बेदखल करने करना राजनीतिक दुर्भावना एवं प्रशासनिक ताकत का दुरूपयोग है. मामला न्यायालय में है, न्यायालय को जो भी आदेश होगा उसका सम्मान करूंगा.
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