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कुछ इंतजाम कीजिए सभापति महोदय : नीतीश कुमार

पटना :विधान परिषद में गृह विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष में शासन व्यवस्था को लेकर जमकर बहस और टोका-टाकी चलती रही. सबसे ज्यादा हंगामा सरकार के पक्ष में बोलने के लिए खड़े हुए एमएलसी नीरज कुमार के वक्तव्य के दौरान हुआ. भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडेय, लाल बाबू प्रसाद समेत तमाम […]

पटना :विधान परिषद में गृह विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष में शासन व्यवस्था को लेकर जमकर बहस और टोका-टाकी चलती रही. सबसे ज्यादा हंगामा सरकार के पक्ष में बोलने के लिए खड़े हुए एमएलसी नीरज कुमार के वक्तव्य के दौरान हुआ. भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडेय, लाल बाबू प्रसाद समेत तमाम भाजपा सदस्य उनकी बातों पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए लगातार हंगामा कर रहे थे. इसी दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सभापति महोदय, सदन चलाने की कुछ मर्यादा होती है.
इसका पालन सभी को करना चाहिए. हर किसी को बोलने का समान मौका मिलता है. जिसका समय है, उसे बोलने दें. एक इधर से खड़े होते हैं, तो चार-पांच उधर से खड़े होकर बोलने लगते हैं. यह तरीका ठीक नहीं है. फिर उन्होंने मजकिया लहजे में कहा कि कुछ इंतजाम कीजिये. मेडिकल टीम की व्यवस्था करके रखिये, इतना चिल्लाते हैं ये लोग.
गृह विभाग पर वाद-विवाद के दौरान भाजपा के सूरज नंदन कुशवाहा, किरण घई, कृष्ण कुमार सिंह ने विधि-व्यवस्था पर जमकर हमला बोला.
हाल के दिनों में हुए हत्याएं, महिला सुरक्षा, सत्तारूढ़ दल के विधायकों की मनमानी, जेल में सजायाफ्ता कैदी से मंत्री के मिलने के प्रकरण समेत तमाम मामलों को उठाकर सरकार पर सीधा प्रहार किया. सत्ता पक्ष की तरफ से नीरज कुमार ने सरकार का बचाव करने के साथ-साथ केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला शुरू किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गांधी मैदान आतंकी हमले के पीड़ितों को नौकरी देंगे, लेकिन यह घोषणा धरी रह गयी. आतंकी घटना पर राजनीति करने का कुसंस्कार हमलोगों में नहीं है.
इस पर भाजपा सदस्य खड़े होकर हंगामा करते हुए कहने लगे कि सीएम घायलों को देखने तक नहीं गये. नीरज कुमार सिंह ने कहा कि भाजपा किसी घटना में विषाक्त बयान जारी नहीं करे. किसी हत्या को राजनीतिक हत्या करार देने से पहले ये देखे कि
इन घटनाओं में मुदालय कौन लोग हैं. भाजपा ने अपने विधायक सतपाल पर क्यों नहीं कार्रवाई की. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा में 95 विधायकों पर गंभीर आरोप हैं.
इनकी ‘सहबाला’ पार्टी रालोसपा में 97 फीसदी उम्मीदवार खराब छवि के हैं. लोजपा की हालत भी ऐसी ही हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा को ‘सिजोफ्रेनिया’ हो गया है. एक तरह की राजनीतिक रोग का शिकार हो गये हैं, जिसके कारण कुछ अच्छा ही नहीं दिखता है. जंगल राज-जंगल राज कहते हुए इनके गले का नस फट जायेगा. भाजपा ने सैनिकों की आलोचना करने वाले दो पूर्व मंत्रियों नरेंद्र सिंह और भीम सिंह से गलबहियां मिला लिया है. इससे इनका सह चरित्र दिखता है.

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