बीएड सत्र शुरू, कुलपति ने किया उदघाटन
रमेश झा महिला कॉलेज में समारोह आयोजित कर सत्र किया गया शुरू
प्रतिनिधि, सहरसा
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय अंतर्गत रमेश झा महिला महाविद्यालय में बीएड समारोह का आयोजन किया गया. समारोह का उदघाटन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आरएन मिश्र ने शिलापट्ट का अनावरण कर किया. महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो रवींद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता व गिरीधर श्रीवास्तव पुटीश के संचालन में चले समारोह को संबोधित करते कुलपति डॉ मिश्र ने कहा कि छात्र व शिक्षक पढ़ने व पढ़ाने से क्यों दूर हो रहे हैं. इसके लिए विचार करने की जरूरत है. यह इलाका शिक्षण के क्षेत्र में पिछड़ा है. जितनी सुविधा व संरचना होनी चाहिए, वह वर्तमान में उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि उपलब्ध साधन के साथ ही आगे बढ़ना है. राज्य सरकार की ओर से जितनी शिक्षण तत्परता होनी चाहिए, वह नहीं है. सुस्त पड़े सरकार को जगाना होगा. जगाने के बाद समस्या भी दूर हो जायेगी. महाविद्यालयों में मूलभूत समस्याओं का अभाव है. जहां पठन-पाठन हो, वहां संरचना का अभाव होना शर्म की बात है. कॉलेज प्रशासन अपने स्तर से इतनी मूलभूत संरचना जरूर उपलब्ध करा लें, ताकि पठन-पाठन में कोई समस्या नहीं हो. वर्तमान में सीमित साधन का दौर है. उसी में आगे बढ़ना है. कुलपति डॉ मिश्र ने नामांकित छात्रओं को संबोधित करते उन्हें अच्छी व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि यदि कोई समस्या हो तो बेहिचक प्रधानाचार्य से मिलें. बीएड के लिए सभी छात्रों के लिए समान मापदंड अपनाकर नामांकन लिया गया है. वर्तमान में विश्वविद्यालय स्तर से मेधा सूची बनायी गयी है. महाविद्यालय प्रबंधन समिति पर विश्वसनीयता आने के बाद विश्वविद्यालय द्वारा यह कार्य उन्हें सौंप दिया जायेगा. उन्होंने छात्रओं से प्रतिदिन वर्ग में शामिल होने का निर्देश देते हुए कहा कि 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि विवि के अंतर्गत सभी प्रधानाचार्य अपने-अपने महाविद्यालय में ड्रेस कोड लागू करें. समारोह को संबोधित करते डीएसडब्ल्यू डॉ ललितेश मिश्र ने कहा कि पाठ्यक्रम को चालू करने में कई अड़चनों का सामना विश्वविद्यालय प्रशासन को करना पड़ा. कुलपति की निर्भीकता के कारण ही मेधा सूची की अवधारणा बनी और मेधा सूची के आधार पर पिछड़े लोगों को भी नामांकन का मौका मिला. वर्तमान में शिक्षा की बदहाल स्थिति है. कॉलेज में कक्षा का संचालन नहीं होता है. सिर्फ डिग्री के लिए ही पढ़ाई हो रही है. गुरुकुल नीतियों का पराभव हो चुका है. शिक्षा प्रवृत्ति के कारण बिहार अभी भी पिछड़ा है. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बीएड शिक्षा की प्रासंगिकता बढ़ चुकी है. आरएम कॉलेज की प्राचार्य डॉ रेणु सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि नये युग की शुरुआत विश्वविद्यालय में हो रही है, जो इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जायेगी. उन्होंने कहा कि प्रयोग को जीवंतता के साथ शुरू करना चाहिए, ताकि जिंदगी भर वो साथ रह सके. बीएड पाठ्यक्रम समाज व विश्व को नयी दिशा देगी. प्रधानाचार्य प्रो रवींद्र कुमार सिंह ने कहा कि यह महाविद्यालय कोसी का एकमात्र महिला महाविद्यालय है. इसमें महिलाओं के लिए अन्य कोर्स परिचालिका प्रशिक्षण, नर्सेज प्रशिक्षण, बीबीए कोर्स अविलंब चालू कराये जाने चाहिए. धन्यवाद ज्ञापन करते बीएड के एचओडी डॉ बालगोविंद सिंह ने कहा कि पूरे देश में 12 लाख शिक्षक के पद रिक्त हैं. जब-जब शिक्षक नियुक्ति की बात आती है. मुख्यमंत्री एक पत्र भेज नियुक्ति में असमर्थता जताते समय की मांग कर लेते हैं. मुख्यमंत्री असहाय स्थिति में हैं. शिक्षा का अधिकार कानून बना तो दिया गया. लेकिन उस अनुपात में शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. मौके पर डॉ विनोद कुमार झा, डॉ संजय कुमार मिश्र, प्रो जयकृष्ण यादव, प्रदीप कुमार झा, निशिकांत झा, ले गौतम कुमार सहित सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी मौजूद थे.