सहरसा : बिहारमें सहरसा जिले के पतरघट पंचायत के पूर्व मुखिया चंद्रिका साह के चालक नीतीश कुमार ने अपने गाड़ी मालिक पूर्व मुखिया को झांसा देकर दो लाख रुपये फर्जी लूट का साजिश रच कर पुलिस को सकते में डाल दिया. हालांकि, सदर थानाध्यक्ष राजमणि ने त्वरित कार्रवाई करते चालक के साजिश को सामने ला कर कार से ही रुपये व मोबाइल बरामद कर उसे हिरासत में ले लिया.
जानकारी के अनुसार पूर्व मुखिया पतरघट में बैंक से चार लाख रुपये की निकासी किया. जिसमें से दो लाख रुपये किसी को देकर अपने साथ दो लाख रुपये लेकर सहरसा के लिए विदा हुआ. स्वयं पीएचडी कार्यालय के समीप उतर कर अपने एक परिचित को बटराहा छोड़ने के लिए चालक को कार लेकर भेजा. कार के डेस बोर्ड में दो लाख रुपये रहने की बात चालक को तुरंत आने को कहा. कहरा ब्लाक रोड में चालक ने उस व्यक्ति को उतार कर मीर टोला के रास्ते पीएचडी कार्यालय आ रहा था कि उसका ईमान डोल गया. मीर टोला में कार रोक पैसा व स्वयं के मोबाइल को कार में ही छिपा कर फर्जी लूट की साजिश रच दिया.
कार के नंबर प्लेट पर ईंट से स्वयं मार कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया और पीएचडी कार्यालय पहुंच मालिक को बताया कि मीर टोला के समीप एक बाइक में ठोकर लगने पर युवकों ने उसकी पिटाई कर कार में रखा दो लाख रुपये लूट कर भाग गया. चालक की बात सुन पूर्व मुखिया सदर थाना पहुंच मामले की जानकारी पुलिस को दी. सूचना मिलते ही सदर थानाध्यक्ष राजमणि, पुअनि अभिषेक अंजन, पुअनि सत्येंद्र सिंह सदल बल घटनास्थल पहुंच मामले की तहकीकात की तो आसपास के लोगों ने इस तरह की घटना से अनभिज्ञता जताया.
सीसीटीवी ने खोला राज
छानबीन के दौरान सदर थानाध्यक्ष की नजर घटनास्थल के समीप मो फैयाज अहमद के घर पर लगी सीसीटीवी कैमरा पर गयी तो उन्होंने गृहस्वामी से फुटेज दिखाने की बात कही. जिसके बाद फुटेज में सबकुछ साफ हो गया कि चालक के साथ किसी तरह की घटना नहीं हुई थी. फुटेज में स्पष्ट नजर आया कि घटना से कुछ देर पहले चालक कार से पूर्व मुखिया के परिचित को छोड़ने गया था. वापस आने के दौरान जाप जिलाध्यक्ष महबूब आलम जीबू के घर के पास कार कुछ देर के लिए रोका. फिर कुछ दूर कार को बैंक में लाया. दूसरी तरफ से वाहनों को आते देख जीबू आलम के घर के समीप खाली जगह पर कुछ देर कार लगा कर रहा. पुऩ: गांधी पथ तरफ जाने के लिए विदा हो गया.
कार के मैट के अंदर से पैसा बरामद
फुटेज में मामला फर्जी होने के बाद भी चालक अपने आप को निर्दोष बताते रहा. लेकिन, जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ शुरू की तो पहले उसने कहा कि उसके एक परिचित युवक ने उससे कहा कि तुम पैसा दो, तुमको भी कुछ हिस्सा मिलेगा. बावजूद पुलिस उसकी बात पर यकीन नहीं किया और पूछताछ जारी रखा. जिसके बाद चालक ने बताया कि इस बीच वह कुछ आर्थिक परेशानी से गुजर रहा है. जिसके कारण उसने स्वयं पैसा छिपा दिया. जिसके बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर कार से ही पैसा बरामद कर लिया. पुलिस बरामद पैसा व चालक नीतीश कुमार को अपने साथ थाना ले गयी.
लोगों ने कहा, सीसीटीवी पर नहीं गयी चालक की नजर
लूट की घटना व पुलिस को देख स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गयी. स्थानीय लोगों ने इस तरह की घटना से अनभिज्ञता जताते कहा कि जिस जगह पर लूट की बात कही जा रही है. वह सड़क हमेशा वाहनों के आवाजाही से गुलजार रहता है. नो इंट्री से बचने के लिए छोटे-बड़े वाहन चालक इस मार्ग का उपयोग वीर कुंवर सिंह चौक जाने-आने के लिए करते है. जैसे ही सीसीटीवी फुटेज में लूट फर्जी साबित हुआ, लोगों ने कहा कि शायद बीए पास चालक की नजर सीसीटीवी पर नहीं गयी. वही लोगों ने सदर थाना पुलिस के कार्यशैली की सराहना करते कहा कि त्वरित कार्रवाई ने पूर्व मुखिया के दो लाख रूपये जाने से बचाया.
क्या कहते है पूर्व मुखिया
फर्जी लूट व रुपये की कार से ही बरामदगी के बाद पीड़ित पूर्व मुखिया चंद्रिका साह ने कहा कि चालक के रूप में नीतीश कुमार बहुत दिनों से उसकी कार चला रहा था. विभिन्न तरह के कार्य के कारण अक्सर उसके साथ पैसा लाते थे. कुछ दिनों से उसकी आर्थिक स्थिति खराब थी. एक दिन पूर्व ही उसे मोबाइल खरीद कर दिया था. वही उसे व उसकी पत्नी को पढ़ा-लिखा भी रहा था. चालक ने विश्वास तोड़ने का कार्य किया है.
मामले पर सदर थानाध्यक्ष राजमणि ने बताया कि कार से ही पैसा बरामद कर चालक को हिरासत में ले लिया गया है. मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को दे दी गयी है. मामला दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है. वही चालक के पूर्व की इतिहास को भी खंगाला जा रहा है.