सहरसा : शहर के रिफ्यूजी कॉलोनी स्थित एक ट्रांसफॉर्मर का फेज बनाने में रविवार की देर शाम मानव बल (बिजली मिस्त्री) गांधीपथ निवासी विजय साह की मौत करेंट लगने से हो गयी. जिसके बाद सोमवार की अहले सुबह से ही परिजन व मोहल्लावासियों ने शव को शंकर चौक पर रख सड़क पर आगजनी कर बिजली विभाग के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की.
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ट्रांसफाॅर्मर का फेज बनाने के दौरान करेंट लगने से मानव बल की मौत, विरोध में जाम
सहरसा : शहर के रिफ्यूजी कॉलोनी स्थित एक ट्रांसफॉर्मर का फेज बनाने में रविवार की देर शाम मानव बल (बिजली मिस्त्री) गांधीपथ निवासी विजय साह की मौत करेंट लगने से हो गयी. जिसके बाद सोमवार की अहले सुबह से ही परिजन व मोहल्लावासियों ने शव को शंकर चौक पर रख सड़क पर आगजनी कर बिजली […]
जानकारी के अनुसार विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर मृतक विजय साह अपने एक सहकर्मी मो अशफाक के साथ फेज बनाने गया था. जहां वह ट्रांसफॉर्मर पर चढ़कर फेज बना ही रहा था कि अचानक लाइन चालू हो गया.
जिसकी चपेट में आने से वह बुरी तरह जख्मी हो गया. जिसे आनन-फानन में इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. सूचना मिलते ही कनीय अभियंता पश्चिमी अपने अन्य कर्मियों के साथ अस्पताल पहुंचे व मामले की जानकारी ली. जहां कुछ देर के बाद ही इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. देर रात हो जाने के कारण शव को परिजनों ने सुरक्षित रख लिया.
रात में ही मामला आग की तरह पूरे शहर में फैल गया. अहले सुबह सूर्य की किरण निकलने के बाद मृतक के घर लोगों का जमावड़ा लग गया. लोगों ने परिजनों के साथ अपनी मांगों को लेकर शंकर चौक पर शव रख बांस बल्ला लगा व टायर जला अपने आक्रोश का इजहार किया. सूचना मिलते ही सदर थाना के सअनि नुकुल पासवान, सअनि धनबिहारी मिश्रा सदल बल मौके पर पहुंच लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया.
लेकिन लोग वरीय अधिकारियों को बुलाने, दोषी ऑपरेटर पर कार्रवाई करने, मुआवजा देने की मांग पर अडिग रहे. सूचना मिलते ही बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता राहुल कुमार, सदर थानाध्यक्ष राजमणि, कहरा सीओ नारायण बैठा ने मौके पर पहुंच आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर शांत करा आवागमन बहाल कराया. जिसके बाद शव को पुलिस सुरक्षा में पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया.
असामाजिक तत्वों ने उठाया फायदा
आक्रोशित परिजनों की भीड़ में कुछ असामाजिक तत्वों ने शामिल होकर जमकर फायदा उठाया. मुंह में रूमाल बांध कुछ युवकों ने राहगीरों के साथ काफी गलत व्यवहार कर मारपीट पर उतारू हो गये. हालांकि कुछ बुद्धिजीवियों के द्वारा लगातार उनलोगों को गलत व्यवहार नहीं करने की हिदायत दी गयी, लेकिन उसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला. असामाजिक तत्वों ने कोचिंग, स्कूल जाने वाले छात्रों व अन्य लोगों की साइकिल की हवा निकाल दी.
मां के बाद बच्चों के सर से उठ गया पिता का साया
मिलनसार स्वभाव के विजय की मौत की बात जिसने सुनी, वह सीधे उसके घर पहुंच गये. लोगों ने कहा कि दिन हो या रात जब भी फोन कर देते थे वह समय की फिक्र नहीं कर पहुंच जाता था. जिसके कारण उपभोक्ताओं के बीच उनकी अलग पहचान थी. लोग ईश्वर को कोस रहे थे.
परिजनों की चीत्कार सुन लोगों के आंख से भी आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था. परिजनों ने कहा कि मृतक को एक सात वर्षीय पुत्री व एक पांच वर्षीय पुत्र है. लगभग दो माह पूर्व दोनों बच्चों के सिर से मां का साया उठ चुका है. अब दोनों बच्चों को कौन देखेगा? लोग बार-बार ईश्वर से ऐसी दर्दनाक सजा किसी को नहीं देने की प्रार्थना कर रहे थे.
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