सिमरी : सहरसा-मानसी रेलखंड के सहरसा व सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पर झपटमार गिरोह का आतंक कम होने का नही ले रहा है. शनिवार को भी सहरसा से परीक्षा दे कर सहरसा-सियालदह हाटे बाजारे एक्सप्रेस से सिमरी बख्तियारपुर लौट रहे सुशील कुमार के स्मार्टफोन को भारतीय नगर के पास चलती ट्रेन में झपटमार गिरोह के सदस्य […]
सिमरी : सहरसा-मानसी रेलखंड के सहरसा व सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पर झपटमार गिरोह का आतंक कम होने का नही ले रहा है. शनिवार को भी सहरसा से परीक्षा दे कर सहरसा-सियालदह हाटे बाजारे एक्सप्रेस से सिमरी बख्तियारपुर लौट रहे सुशील कुमार के स्मार्टफोन को भारतीय नगर के पास चलती ट्रेन में झपटमार गिरोह के सदस्य छीन कर भागते बने. कुछ दिन पूर्व मधेपुरा जिला अंतर्गत मठाही गांव निवासी अमित कुमार का भी स्मार्टफोन भी झपटमार गिरोह का निशाना बना था.
ये गिरोह रेलवे स्टेशन पर दिन में भीड़भाड़ के समय और रात में सुनसान होने पर स्मार्ट फोन के जुगाड़ में लग जाता है और मौका देखते ही रेल यात्रियों के स्मार्ट फोन पर हाथ साफ कर लेता है.
बीते दिनों बनमा निवासी कुमोद सिंह आनंद के दो स्मार्टफोन, हटियागाछी निवासी विशाल सोलंकी के एक स्मार्टफोन पर भी झपटमार गिरोह ने हाथ साफ कर लिया था. वहीं रेल पुलिस की सुस्ती की वजह से रेल यात्रियों का गुस्सा रेलवे के प्रति बढ़ता जा रहा है.
जीआरपी है उदासीन
एक-डेढ़ महीने से सहरसा और सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पर झपटमार गिरोह का आतंक छाया है, पर सहरसा जीआरपी यात्रियों के परेशानियों के प्रति उदासीन है. बीते दिनों गिरोह के एक शातिर को रेल यात्रियों ने पकड़ा था. उसने अपना नाम महबूब और घर सरबेला बताया. यह भी बताया कि वह चार साथियों के संग स्मार्टफोन चोरी करता था और सिमरी बख्तियारपुर के ही मोबाइल दुकानदारों को बेच देता है. इस जानकारी के बाद भी सहरसा जीआरपी चोर नेटवर्क को पकड़ने के बजाय उदासीन है.