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कहीं बच्चों को बीमार न कर दे भारी बस्ता

अप्रैल शुरू होते ही बढ़ जाता है बैग का भार अधिक भार बनता है बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सासाराम शहर : अप्रैल के महीने में निजी स्कूलों में पढ़नेवाले स्कूली बच्चों पर एक बार फिर बस्ते का बोझ बढ़ गया है. स्कूलों में नयी पुस्तकों के दबाव के बीच बच्चे एक बार फिर […]

अप्रैल शुरू होते ही बढ़ जाता है बैग का भार

अधिक भार बनता है बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
सासाराम शहर : अप्रैल के महीने में निजी स्कूलों में पढ़नेवाले स्कूली बच्चों पर एक बार फिर बस्ते का बोझ बढ़ गया है. स्कूलों में नयी पुस्तकों के दबाव के बीच बच्चे एक बार फिर भारी बस्ता कंधे पर उठाकर स्कूलों में जाने को विवश हैं. भारी बस्ते का बोझ बच्चों को बीमार बना रहा है. इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन का इस ओर ध्यान नहीं है.
अस्पतालों में कमर व पीठ के दर्द से शिकार बच्चे पहुंच रहे हैं. यह दर्द बच्चों के स्कूल बैग के बोझ का है.चिकित्सक भी इस बात को मानते हैं कि बस्ते के बोझ को लगातार उठाने के कारण बच्चों में यह बीमारी आती है. चिकित्सकों की मानें तो भारी स्कूल बैग के चलते कंधे, रीढ़ की हड्डी, कमर, घुटने में दर्द व सूजन तो आम शिकायतें हैं. बस्ते का बोझकई मासूमों को शारीरिक विकृति का शिकार बना रहा है.
विशेषज्ञों के पास ऐसे बच्चे बड़ी तादात में आ रहे हैं. वजह यह कि बस्ता लेकर मासूम न केवल चलते हैं, बल्कि उनको स्कूलों में सीढ़ी पर चढ़कर अपने वर्ग कक्ष तक पहुंचना भी पड़ता है. हड्डी रोग के विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो हाल में दो-तीन वर्ष के दौरान इस तरह की समस्या बच्चों में अधिक मिल रही है.
कूल्हे पर भी पड़ता है दुष्प्रभाव: भारी बस्ता पीछे गिरने से रोकने के लिए बच्चा अपने कूल्हे के ऊपर शरीर को आगे झुका कर रखता है. इससे कूल्हे में सूजन हो जाने की संभावना अधिक रहती है. अधिक बस्ते का बोझ बच्चे के घुटने पर भी दुष्प्रभाव डालता है.
क्या है बचाव का तरीका
बस्ते का वजन बच्चे के वजन का दस से पंद्रह प्रतिशत हो.
बस्ता ऐसा हो, जिसमें कमर पर बांधने की पट्टी हो.
बस्ता ऐसा हो जिसका कपड़ा हल्का हो.
बस्ते व बच्चे की पीठ की दूरी कम होनी चाहिए.
बस्ते की लंबाई बच्चे के पीठ से अधिक न हो.
बस्ते का भार बच्चे के दोनों कंधे पर बराबर हो.
बस्ता लेकर चलते समय बच्चे का शरीर सीधा रहे.
बस्ता लेकर चलते समय बच्चा आगे की ओर नहीं झुके.
ऐसे नुकसान पहुंचाता है भारी बस्ता
भारी बस्ते के चलते बच्चा ऊपरी भाग को आगे की ओर झुका कर रखता है. चिकित्सकों के अनुसार लगातार सिर आगे रहने के कारणगर्दन व पीठ में खिंचाव अधिक रहता है. इससे दर्द होने लगता है.भारी बस्ता कंधे के पट्टे को पीछे की ओर खींचकर रखता है, जबकि हमारे कंधे आगे व ऊपर की ओर होने चाहिए. इसलिए बोझ के चलते कंधे कमजोर व झुके हुए हो जाते हैं और उसमें खिंचाव बढ़ जाता है.

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