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10 वर्षों में 37 घूसखोर पकड़ाये
अधिकतर अधिकारी आये निगरानी के शिकंजे में सासाराम नगर : जिले में 10 वर्षों में निगरानी विभाग करीब तीन दर्जन घुसखोरों को रंगे हाथों गिरफ्तार की है. इन घुसखोरों में अधिकारी, सरकारी कर्मचारी व जन प्रतिनिधि भी शामिल हैं. इस वर्ष निगरानी विभाग द्वारा किसी घुसखोर कर्मचारी को पकड़े जाने का पहला मामला है. इससे […]
अधिकतर अधिकारी आये निगरानी के शिकंजे में
सासाराम नगर : जिले में 10 वर्षों में निगरानी विभाग करीब तीन दर्जन घुसखोरों को रंगे हाथों गिरफ्तार की है. इन घुसखोरों में अधिकारी, सरकारी कर्मचारी व जन प्रतिनिधि भी शामिल हैं. इस वर्ष निगरानी विभाग द्वारा किसी घुसखोर कर्मचारी को पकड़े जाने का पहला मामला है.
इससे पहले दो नवंबर, 2006 को शिक्षा विभाग का लिपिक संतोष कुमार एक शिक्षक से चार हजार रुपये घुस लेते पकड़े गये थे.इसी वर्ष 21 दिसंबर को सप्लाई इंस्पेक्टर राजेश कुमार जन वितरण प्रणाली दुकानदार से 45000 रुपये घुस लेते पकड़े गये थे. 2008 में तीन सितंबर को दिनारा प्रखंड का बीसीओ रामनरेश प्रसाद आठ हजार रुपये घुस लेते पकड़े गये. वर्ष 2009 में राजस्व कर्मचारी,अच्यूतानंद दाखिल खारिज के आठ हजार घुस लेते, इसी वर्ष छह मई को राजस्व कर्मचारी रामनाथ उपाध्याय 16 हजार, इसी वर्ष 24 जून को बीसीओ दिनारा वंश नारायण प्रसाद चार हजार, सिंचाई विभाग का अमीन सूर्यदेव प्रसाद 10 हजार, वर्ष 2010 में 15 अप्रैल को कृषि विभाग के प्रधान सहायक मिथिलेश कुमार सिन्हा 15 हजार रुपये लेते पकड़े गये.
इस वर्ष सूर्यपुरा के सरपचं संजु देवी, उप सरपंच विजयमल सिंह, 25 जुलाई, 2010 में ही शिवसागर के बीडीओ भवानंद राय 30 हजार रुपये घुस लेते, इसी वर्ष दो नवंबर को उर्दू मध्य विद्यालय, बहुआरा के शिक्षक वसीम राजा व मुन्ना मिश्रा वीडियोग्राफर से चार हजार रुपये घुस लेते पकड़े गये. वर्ष 2011 में छह जून को चकबंदी कार्यालय डेहरी के अमीन पांच हजार घुस लेते पकड़े गये. वर्ष 2012 में तीन जनवरी को को-ऑपरेटिव विभाग जिला अंकेक्षण पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार व लिपिक राधेश्याम प्रसाद 12 हजार घुस लेते पकड़े गये.
वर्ष 2013 में 21 फरवरी को सिविल सर्जन कार्यालय के सहायक भगवान सिंह 25 हजार, 30 अप्रैल को पीएनबी कोचस शाखा के प्रबंधक अजय कुमार सिन्हा एक लाख 50 हजार, वर्ष 2014 के 26 अगस्त को चकबंदी पदाधिकारी महेश पासवान पांच हजार, 21 नवंबर 2014 को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्रवेश पासवान व स्टेनो राजीव रंजन दुबे 20 हजार, वर्ष 2015 में 24 मार्च सिविल सर्जन अशोक कुमार सिंह एक लाख, तीन मार्च को करगहर क्रय केंद्र प्रभारी दिलीप कुमार 30 हजार, 15 दिसंबर को प्रभारी सिविल सर्जन 80 हजार, 24 दिसंबर 2016 को ओबरा में पदस्थापित डेहरी स्थित अपने निवास पर बीइओ उमाशंकर सिंह 10 हजार, वर्ष 2007 आरपीएफ इंस्पेक्टर एसी सिन्हा, 10 जुलाई, 2015 डेहरी नगर पर्षद के लिपिक कृष्णदेव पासवान,18 अगस्त, 2013 को सीडीपीओ कार्यालय नासरीगंज के लिपिक वृजनंदन सिंह व श्रीकांत सिंह 15 हजार, 11 अगस्त 2015 आइटीआइ डेहरी के शिक्षक उमाकांत सिंह आठ हजार, इनकम टैक्स के कर सहायक राम नारयण सिंह दो जून, 2015 को 30 हजार घुस लेते पकड़े गये. इतने मामले सामने आने के बाद भी लगातार घुसखोरों का निगरानी के हत्थे चढ़ने का मामला आते रहा है.
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