सासाराम शहर : जिले में बकरी व मुर्गी पालन के लिए किसान कई सालों से बैंक का चक्कर लगा रहे है, लेकिन इनकी कोई सुनने वाला नहीं है. सरकार द्वारा पशुपालन के लिए चलाये गये स्कीम व उस पर अनुदान को देख कई किसानों ने इसमें रुचि लिया था. इसके लिए वर्ष 2017-18 व 18-19 में मुर्गी व बकरी पालन के लिए करीब तीन दर्जन पशुपालकों ने आवेदन जमा किया था.
इसमें विभाग द्वारा दोनो वर्षों में नौ-नौ पशुपालकों का चयन किया गया था. इसके बाद उनके आवेदन को लोन की प्रक्रिया के लिए बैंक भेज दिया गया था. कई दिनों से बैंक का चक्कर लगाते-लगाते दोनों वर्षों में सिर्फ एक-एक किसानों को ही लोन उपलब्ध कराया गया.
वर्ष 2018-19 में भी चार लोगों ने बकरी व मुर्गी फार्म के लिए आवेदन किया था, जिसमें चारों लोगों का विभाग ने स्थल निरीक्षण कर लिया है. अब इनके कागजात बैंक में भेजने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन पुराने पशुपालकों की स्थिति देख अब नये आवेदन करने वाले पशुपालकों में भी मायूसी छाने लगी है. पशुपालकों का कहना है कि इसके लिए बैंक में जमीन मोर्गेज करना होता है.
ऐसे में बैंक जमीन का कमर्शियल मोर्गेज करना चाहता है, लेकिन पशुपालक अावासीय जमीन का मोर्गेज कराना चाह रहे हैं. ऐसे कई पेच है, जिसको देख पशुपालकों को लोन देने से इन्कार कर दे रहा है. इससे जिले के पशुपालकों में आक्रोश व्याप्त है. एक पशुपालक ने कहा कि सरकार योजना चला रही है, लेकिन अधिकारी इसे धरातल पर उतारने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं.
कहते हैं पशु चिकित्सा पदाधिकारी
बकरी व मुर्गी पालन पर सरकार द्वारा अनुदान देने का भी प्रावधान है. इस कारण इस योजना के लिए हर वर्ष दर्जनों किसान आवेदन करते हैं. लेकिन बैंक के असहयोग के कारण चयनित किसानों को भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
अरविंद कुमार, जिला पशु चिकित्सा पदाधिकारी
कहते हैं एलडीएम
पशुपालन विभाग द्वारा चयनित आवेदकों के कागजात में बैंक लोन के मुताबिक कई कागजात नहीं होते हैं, जरूरत के अनुसार कागजात नहीं उपलब्ध होने की स्थिति में ही पशुपालकों का लोन रुकता है. सही कागजात वाले को लोन दिया जाता है.
एजाज हामिद, एलडीएम रोहतास