एक-दो सोलर लाइट की टिम-टिमटिमाती रोशनी से चल रहा काम अंधेरे के कारण होती रहती हैं चोरी की घटनाएं सासाराम ऑफिस : शहर में अंधेरे का राज लगभग फैलता ही जा रहा है. शहर की कुछ मुहल्ले व गलियां ही बची हैं, जो रात में चकाचक हैं. उनकी गलियां रात में नहीं डराती हैं. लेकिन […]
एक-दो सोलर लाइट की टिम-टिमटिमाती रोशनी से चल रहा काम
अंधेरे के कारण होती रहती हैं चोरी की घटनाएं
सासाराम ऑफिस : शहर में अंधेरे का राज लगभग फैलता ही जा रहा है. शहर की कुछ मुहल्ले व गलियां ही बची हैं, जो रात में चकाचक हैं. उनकी गलियां रात में नहीं डराती हैं. लेकिन अमूमन सभी गलियों व सड़कों की लाइटें अब धीरे-धीरे बुझ रही हैं. इसी तरह का एक इलाका सब्जी सराय भी है. इस मुहल्ले में अंधेरे का ही राज है. क्षेत्र में लगायी गयी स्ट्रीट लाइटें दम तोड़ चुकी हैं.
एक या दो सोलर लाइट की टिमटिमाती रोशनी से मुहल्ले में कुछ उजाला हो रहा है. मुहल्ले के लोगों को रोशनी की कमी के कारण रात में आने-जाने में परेशानी होती है. इस अंधेरे में न तो सही ढंग से सड़कें दिखायी देती हैं और न ही इन सड़कों पर उभरे गड्ढे. जिससे गिर कर घायल होने का डर लगा रहता है. इस मुहल्ले में विगत वर्षों में कोई बड़ी घटना तो नहीं हुई, लेकिन छिट-फुट चोरी व अन्य घटनाएं हुई है.
अब तो बरसात भी शुरू हो चुका है. इस मुहल्ले में अब तक कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. लेकिन अंधेरे के कारण घायल व कोई अप्रिय घटना होने से इंकार भी नहीं किया जा सकता है. फिलहाल इस मुहल्ले की मुख्य सड़क से लेकर अंदरुनी गली में लगभग सौ स्ट्रीट लाइटों व 150 सोलर लाइटों की आवश्यकता है.
सड़क पर लाइटों की आवश्यकता है. सरकार को इसका प्रबंध करना चाहिए. उन्हें चाहिए कि जिन क्षेत्रों में रात के वक्त बहुत ज्यादा अंधेरा हो रहा है, उन क्षेत्रों को पहले रोशन करना चाहिए.
सदाकत हुसैन
अंधेरा तो सही चीज है नहीं. लेकिन फिर भी शहर को अंधेरे में डुबोया जा रहा है. सरकार अपने बेमानी कार्यक्रमों को तो चला रही है. पर जो ज्यादा जरूरी है, उसे नजर अंदाज कर रही है.
मोहम्मद शेराज
ये कैसा माजरा है. अंधेरे को दूर करने के लिए कुछ तो करना चाहिए. अगर सरकार बिजली बत्ती का इंतजाम नहीं कर सकती तो कम से कम लालटेन का ही इंतजाम कर दे.
मोहम्मद इमामुद्दीन