जीएमसीएच में एमबीबीएस के तीसरे बैच का एप्रन सेरेमनी सम्पन्न
पूर्णिया. आप चाहे किसी भी जाति के हों अथवा किसी भी धर्म को मानने वाले हों इसकी संपूर्ण स्वतंत्रता है लेकिन चिकित्सा जगत में एक चिकित्सक के लिए जाति और धर्म से ऊपर है मानव धर्म. वरना हमारा यह सफेद कोट बदनाम हो सकता है. उक्त बातें राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में आयोजित एमबीबीएस के तीसरे बैच के एप्रन सेरेमनी के मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो डॉ हरिशंकर मिश्र ने उपस्थित छात्र छात्राओं से कही. उन्होंने सभी से कॉलेज कैम्पस, यहां की लाइब्रेरी और अनुशासन का सम्पूर्ण सदुपयोग और बेहतर ख्याल रखने को कहा. तुलसीदास को कोट करते हुए उन्होंने हमेशा अच्छी संगति में रहने और किसी भी प्रकार के ट्रैपिंग से सतर्क रहने को कहा. प्राचार्य श्री मिश्र ने शहर के माहौल को बेहतर बताते हुए पूर्व के एमबीबीएस स्टूडेंट्स को मेडिकल कॉलेज कैम्पस को किसी भी प्रकार के रैगिंग से मुक्त रखने में उनके योगदान की भी सराहना की और कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि जीएमसीएच पूर्ण रूप से रैगिंग मुक्त कैम्पस है जो अपने आप में आदर्श उदाहरण है. उन्होंने सभी को लगातार परिश्रम करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि कॉलेज के स्तर पर आप सभी को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किये जायेंगे लेकिन यहां शॉर्टकट की कोई जगह नहीं है. मौके पर एमबीबीएस के तीसरे बैच के सभी छात्र छात्राओं को प्राचार्य, अधीक्षक एवं अन्य विभागाध्यक्षों ने बारी बारी से एप्रन प्रदान किये. इया अवसर पर जीएमसीएच उपाधीक्षक डॉ. दीनबंधु, एकेडमिक प्रभारी व प्राध्यापक डॉ. एके. झा, डॉ. सुधांशु, डॉ. प्रेम प्रकाश, डॉ. ऋचा झा, डॉ. सुजीत कुमार मंडल, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. राकेश कुमार रंजन, डॉ. आरोही अभिनव, डॉ. राकेश रंजन आदि उपस्थित रहे.मेडिकल की पढाई में कम्युनिकेशन स्किल बेहद जरुरी : उपाधीक्षक
इस मौके पर जीएमसीएच उपाधीक्षक डॉ. संजय कुमार ने मेडिकल की पढाई में कम्युनिकेशन स्किल के महत्व पर सभी का ध्यान केन्द्रित कराया और कहा कि सिर्फ पढाई ही नहीं बल्कि खुद के अन्दर कम्युनिकेशन स्किल बढाना बेहद जरुरी है और यह पाठ्क्रम में भी शामिल है. उन्होंने कहा इस हुनर की जरुरत इस वजह से भी महत्वपूर्ण है ताकि विशेष परिस्थितियों में हम खुद पर नियंत्रण रखते हुए सुगमता पूर्वक किसी भी मामले का आसानी से निराकरण कर सकें. इसके अलावा अन्य विभागों के प्राध्यापकों एवं विशेषज्ञों ने भी पठन पाठन के अलावा पीड़ितों एवं मरीजों के साथ हरवक्त मानवता सदृश्य व्यवहार करने और सभी के साथ सहानुभूति रखने की बात कही. वहीं जीएमसीएच में पीजी स्तर की पढाई के लिए डीएनबी पाठ्यक्रम शुरू किये जाने की बात को लेकर सभी स्टूडेंट्स ने तालियां बजाकर ख़ुशी का इजहार किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

