पूर्णिया. थाना चौक माधव कोठी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में वीर बाल बलिदानी दिवस मनाया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय प्रधानाचार्य मेनका कुमारी ने दीप प्रज्वलित कर किया. वहीं इस दिवस को याद करते हुए प्रधानाचार्य ने कहा हमें गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबज़ादों के उस अद्वितीय बलिदान को हमेशा याद रखना चाहिए, जिसने पूरी मानवता को यह संदेश दिया कि सत्य और धर्म की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं है. काफी कम उम्र में भी साहिबज़ादों ने अत्याचार के सामने झुकने से इनकार कर दिया और अमर हो गए. ऐसे उदाहरण विरले ही मिलते हैं, जहां बाल अवस्था में ही किसी ने धर्म, संस्कृति और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया हो. उन्होंने कहा कि साहिबज़ादों का जीवन और बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा. वीर बालकों का त्याग और बलिदान हमें सत्य के मार्ग पर सदा अडिग रहने की शक्ति प्रदान करता रहेगा. कार्यक्रम में मयंक, दिव्यांशु पांडेय, यश शाश्वत एवं दिव्य प्रकाश ने गुरु जी के चारों संतानों का चरित्र का जीवंत वर्णन किया. अंत में सभी आचार्य दीदी ने भैया-बहनों के साथ राष्ट्र की एकता और अखंडता बनाए रखने का संकल्प लिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

