जलालगढ़. कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ में ग्रामीण कार्य अनुभव प्राप्त करने के लिए स्नातक कृषि के छात्र अंतिम सेमेस्टर में शिक्षा प्राप्त करने पहुंचे. इसमें कूल 20 छात्रों ने निबंधन कराया. केवीके के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान ने बताया कि ये छात्र भारतवर्ष के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया, एलएनसीटी भोपाल, मेरठ तथा जगन्नाथ विश्वविद्यालय जयपुर से कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ में शिक्षा प्राप्त करने पहुंचे. केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ के एम सिंह ने बताया कि ग्रामीण कार्य अनुभव कार्यक्रम कृषि स्नातकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है. क्योंकि जो छात्र कॉलेज में किताबी ज्ञान सीखते हैं उनका व्यवहारिक ज्ञान केंद्र में हो रहे विभिन्न कार्यक्रम, किसानों के खेतों में हो रहे कार्यक्रम कृषि उत्पादन में भिन्नता, उनकी कमी के कारण एवं निदान ढूंढते हैं. किसानों के साथ मिलकर उनकी समस्याओं को जानना और उनके लिए कृषि उत्पादन की योजना बनाने का कार्य करते हैं. इसी क्रम में ग्रामीण कार्य अनुभव प्राप्त कर रहे रावे छात्रों ने पूर्णिया जिले के कोसी डेयरी मरंगा का भ्रमण किया. जिसमें उन्होंने दूध उत्पादन एवं उनसे बनने वाले विभिन्न डेयरी उत्पाद बनाने की जानकारी प्राप्त की. इसके अलावे ए ग्रेट कंपनी में मखाना प्रोसेसिंग प्लांट तथा उसके विभिन्न परिचालन संबंधित जानकारी प्राप्त की. कसबा की मां अंबे नर्सरी में जाकर पौध नर्सरी) बनाने की प्रक्रिया उनकी ग्राफ्ट गुटी बनाने तरीके का भी अध्ययन किया. रावे के छात्रों ने कृषि उद्योग से संबंधित विभिन्न पहलू की जानकारी ली तथा इनका क्रियान्वयन रावे छात्र डिग्री उपरांत स्वरोजगार के लिए अथवा किसानों को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करेंगे. मौके पर कार्यक्रम का नेतृत्व केवीके के वैज्ञानिक डॉ आतिश सागर ने किया. साथ में यशवंत कुमार का भी सहयोग रहा.
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