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पूर्णिया में असीम आस्था का केंद्र है रजनी चौक शनि मंदिर

हर शनिवार को होता है विशेष पूजन

आस्था व विश्वास से भरा हुआ है शनिदेव मंदिर

हर शनिवार को होता है विशेष पूजन

पूर्णिया. जिले में कई प्रसिद्ध मंदिर है जो लोगों की आस्था के केंद्र हैं. शहर के रजनी चौक स्थित शनि मंदिर भी इनमें से एक है. रजनी चौक हनुमान मंदिर के पीछे एसके मिशन स्कूल रोड की पहली गली में हैं. यहां के भगवान शनिदेव लोगों के लिए श्रद्धा और आस्था का स्थल बना है. यहां जिले के कोने-कोने से श्रद्धालु ग्रहों की शांति और सुख समृद्धि की कामना के लिए हर शनिवार को शनि मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं. श्रद्धालु शनिदेव की छवि पर तेल चढ़ाते है और उनका आशीर्वाद पाते है. सच्चे मन से गए हुए श्रद्धालुओं के जीवन के सारे कष्ट खत्म हो जाते हैं. भक्तों का विश्वास है कि यह मंदिर जिले में ऐसा स्थान है जहां आते ही भक्त भगवान शनि की कृपा का पात्र बन जाता है. आस्था व विश्वास से भरा हुआ यह स्थान लोगों को सहसा ही अपनी ओर खींच लेता है. शनि धाम में हर शनिवार भगवान का विशेष पूजन होता है. शनिवार के सुबह में खीर का भोग लगता है, इसके बाद शाम में खिचड़ी महाप्रसाद श्रद्धालुओं के बीच वितरण किया जाता है. श्रद्धालुओं के आने तक खिचड़ी महाप्रसाद का आयोजन किया जाता है.

चार दशक पुराना है मंदिर का इतिहास

यह मंदिर करीब साढ़े चार दशक पुराना है. मंदिर के पुरोहित पिंटू शर्मा की माने तो वर्ष 1980 को मंदिर की स्थापना हुई थी. लेकिन धीरे-धीरे मंदिर को नया रूप दिया गया. मंदिर के अंदर एक चबूतरा है इस पर भगवान शनिदेव की प्रतिमा स्थापित है. इस मंदिर के संदर्भ में अनेक तथ्य हैं, जो लोगों की अगाध श्रद्धा को दर्शाते हैं. यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से पूजा अर्चना करते हैं उनकी मुरादे भगवान शनिदेव पूरा करते हैं शनिदेव के दरबार के दर्शन के लिए प्रत्येक शनिवार श्रद्धालु पहुंचते हैं. यहां हर साल 4 अगस्त को मंदिर की वार्षिकोत्सव मनाया जाता है.

हर्षोउल्लास के साथ होगी पूजा-अर्चना

वार्षिकोत्सव के अवसर पर मंदिर को फूल व रंगबिरंगी लाइट से सजाया जाएगा. रजनी चौक से सटे होने की वजह से शनिवार के अलावा भी अन्य दिन भी श्रद्धालु आते हैं. हर शनिवार को सरसों तेल का अभिषेक भगवान शनिदेव को किया जाता है. मान्यता है कि भगवान शनिदेव को सरसों तेल की चढ़ावे से प्रसन्न होते हैं. इस मंदिर में स्थापित भगवान शनिदेव को यहां के श्रद्धालु महाराष्ट्र के सिंगनापूर की शिला की दृष्टि से देखते हैं. आज यह मंदिर ऐसी आस्था का केंद्र बन गया है.

कहते हैं पुरोहित

शहर के बीचों बीच स्थित भगवान शनिदेव की मंदिर में हर शनिवार को विशेष पूजन होता है. शनिवार को भगवान शनिदेव को खीर का भोग लगाया जाता है और शाम में खिचड़ी महाप्रसाद भक्तों के बीच प्रसाद स्वरूप वितरण किया जाता है. यह मंदिर आस्था व विश्वास का प्रतीक है. जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से पूजन करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. मंदिर को 45वां वार्षिक उत्सव 4 अगस्त को हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाएगा. फोटो:12 पूर्णिया 6- पिंटू शर्मा, मंदिर के पुरोहित फोटो. 12 पूर्णिया 7- मंदिर में स्थापित भगवान शनिदेव की प्रतिमा

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