पूर्णिया. बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी सह राजद के वरिष्ठ नेता प्रो आलोक कुमार ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को किसान सम्मान निधि प्रति वर्ष तीन किस्तों में छः हज़ार रुपये भेजकर करोड़ों रुपये प्रचार प्रसार पर ख़र्च कर रहे हैं. प्रो आलोक ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में किसान कर्ज़ से त्रस्त होकर आत्महत्या को मजबूर है. खाद- बीज एवं कृषि उपकरण की क़ीमत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. किसान प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाकर हरियाणा एवं पंजाब से आगे निकल गए हैं फिर भी किसानों की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती चली जा रही है. उन्होंने कहा सरकार किसान संगठनों के साथ हुए समझौतों को भी लागू करने से पीछे हट रही है. किसान आंदोलन के दबाव में आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से माफ़ी मांगते हुए तत्काल 3 काले कृषि क़ानून को स्थगित तो कर दी लेकिन किसानों की मुख्य मांग एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी के लिए क़ानून नहीं बना रही है. जिससे भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है. फलस्वरूप 200 -300 रुपए प्रति क्विंटल कम कीमत पर अपने उत्पाद को बेचने पर मजबूर हैं. बिहार में मंडी व्यवस्था ख़त्म किए जाने के बाद से पैक्स के माध्यम से किसानों के अनाज को ख़रीदने की व्यवस्था बनाई गई है जहां बिचौलियों का क़ब्ज़ा बना हुआ है. श्री कुमार ने कहा भागलपुर में आयोजित किसानों की रैली में सीमांचल क्षेत्र के किसानों की भागीदारी नगण्य है. प्रोफ़ेसर आलोक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एमएसपी को क़ानूनी दर्जा एवं स्वामीनाथन आयोग के रिपोर्ट को लागू करने की भी मांग की है.
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