पूर्णिया. सेवानिवृत डीन प्रो अंजनी कुमार मिश्रा के प्रमाणपत्रों की करायी जा रही जांच के बीच हाईकोर्ट ने पूर्णिया विवि को आवश्यक गाइडलाइन दी है. हाईकोर्ट ने पूर्णिया विवि के कुलसचिव को आगामी 8 जनवरी की सुनवाई से पहले निर्देशों के अनुपालन की बात कही है. विवि को प्रो. अंजनी मिश्रा के पेंशन और सेवांत लाभ के बारे में अंतिम निर्णय लेना है. गौरतलब है कि प्रो. मिश्रा पूर्णिया विवि के कई अहम पदों पर रह चुके हैं और वीसी की अनुपस्थिति में कुलपति का प्रभार भी वहन किया है. 31 दिसंबर 2024 को वे रिटायर हो गये. इसके बाद उनके प्रमाणपत्रों पर कुछ शक होने पर विवि ने आगे की कार्रवाई की. यह बात सामने आयी कि श्री मिश्रा ने दो बार पीजी किया और इन दोनों के बीच में पीएचडी की डिग्री हासिल की. वर्ष 1983 में एमएससी बॉटनी पटना यूनिवर्सिटी से किया जिसमें आवश्यक अहर्ता से कम अंक आये थे. 1989 में पीएचडी की डिग्री हासिल की. पुन: 1990-92 सत्र में एलएनएमयू अंतर्गत मारवाड़ी कॉलेज किशनगंज से पीजी किया जिसके रजिस्ट्रेशन वर्ष 1993 को लेकर विवि उनकी डिग्री की जांच को अग्रसर हुई. हालांकि वर्ष 1996 में वे बिहार कॉलेज सेवा आयोग की ओर से लेक्चरर नियुक्त किये गये. उनकी सेवा बीएनएमयू अंतर्गत पूर्णिया कॉलेज को दी गयी. 1996 के बाद सेवा संपुष्टि, प्रोन्नति समेत तमाम अवसरों का लाभ उन्हें विवि ने प्रदान किया. फिलहाल, मसला प्रो. मिश्रा के पेंशन और सेवांत लाभ का है जिसे लेकर उन्होंने 18 जून 2025 को हाइकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट ने 18 जून, 9 अक्टूबर, 10 अक्टूबर और 17 नवंबर को मामले की सुनवाई की. अगली तिथि 8 जनवरी मुकर्रर की है.
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