समेकित कृषि प्रणाली विषय पर किसानों को दिया गया प्रशिक्षण
जलालगढ़. कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ पूर्णिया में समेकित कृषि प्रणाली (आइएफएस) विषय पर आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया. प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों को समेकित, लाभकारी एवं टिकाऊ कृषि मॉडल के माध्यम से आय वृद्धि, जोखिम में कमी तथा प्राकृतिक संसाधनों के कुशल उपयोग हेतु सक्षम बनाना है. कार्यक्रम में आत्मा कटिहार से आये प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया. उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि बीपीएस कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डी के महतो ने कहा कि वर्तमान बदलती जलवायु परिस्थितियों एवं बढ़ती लागत के दौर में किसानों को एकल फसल आधारित खेती से आगे बढ़कर समेकित कृषि प्रणाली को अपनाने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि आइएफएस के माध्यम से फसल उत्पादन के साथ पशुपालन, मछलीपालन, कुक्कुट पालन, मशरूम उत्पादन एवं मधुमक्खी पालन जैसे घटकों को जोड़कर किसान वर्ष भर स्थायी एवं सुरक्षित आय अर्जित कर सकते हैं.मौके पर केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ केएम सिंह ने प्रथम दिवस की गतिविधियों एवं प्रशिक्षण की समग्र रूपरेखा पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि प्रथम दिवस में प्रतिभागियों को आईएफएस की अवधारणा, उद्देश्य, लाभ तथा बिहार की स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप विभिन्न आइएफएस मॉडलों की विस्तृत जानकारी दी गयी. उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में किसानों को सैद्धांतिक व्याख्यान, प्रायोगिक प्रदर्शन, मॉडल यूनिट भ्रमण एवं आर्थिक विश्लेषण के माध्यम से व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया जाएगा. मौके पर केवीके के वैज्ञानिक डॉ गोविंद कुमार, डॉ अतिश सागर, डॉ राबिया परवीन, डॉ संतोष कुमार तथा अनामिका कुमारी की सक्रिय भूमिका रही. सभी वैज्ञानिकों ने किसानों के साथ संवाद स्थापित कर समेकित कृषि प्रणाली के विभिन्न घटकों, उनकी उपयोगिता एवं व्यावहारिक पहलुओं पर जानकारी साझा की तथा प्रशिक्षण अवधि के दौरान पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया.
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