पूर्णिया. विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर शनिवार को राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वारा स्वास्थ्य जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह आयोजन एफएपी के अंतर्गत गोद लिए गए कसबा प्रखंड स्थित तारानगर गांव में किया गया जिसमें समुदाय के बच्चों, युवाओं और अभिभावकों ने भाग लिया. कार्यक्रम का नेतृत्व जीएमसीएच सामुदायिक चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अभय कुमार ने किया. इस आयोजन में विभाग के 25 इंटर्न डॉक्टरों की टीम ने मिलकर गांव के प्राथमिक विद्यालय परिसर में जागरूकता गतिविधियों का संचालन किया. डॉ. अभय कुमार ने अपने उद्घाटन भाषण में तंबाकू के दुष्परिणामों पर खुलकर लोगों को समझाया. उन्होंने कहा तंबाकू का सेवन एक धीमा ज़हर है जो न केवल शरीर को रोगग्रस्त करता है, बल्कि परिवार की आर्थिक, सामाजिक और मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव डालता है. यह एक सामाजिक समस्या है जिसे केवल दवाओं से नहीं, बल्कि सामूहिक जागरूकता और शिक्षा से ही मिटाया जा सकता है. उन्होंने आगे बताया कि तंबाकू सेवन से फेफड़ों और मुंह का कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, टीबी, तथा डायबिटीज के मरीजों में नियंत्रण की कमी जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं. जबकि गर्भवती महिलाओं में इसका असर शिशु के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. श्री कुमार ने यह भी कहा कि तंबाकू पर खर्च किया गया धन बच्चों की शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य से छीना गया अवसर है. इसके कारण घरेलू हिंसा, सामाजिक असमानता और गरीबी भी बढ़ती है. इसलिए तंबाकू निषेध सिर्फ स्वास्थ्य का नहीं, समाज सुधार का आंदोलन है. स्थानीय लोगों ने भी जीएमसीएच के इस इस पहल का स्वागत करते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित करने की मांग की. इस जन जागरूकता अभियान में डॉ निखत नज़मीन, डॉ अविनाश वर्मा, डॉ दीपक कुमार, डॉ रॉबिन सिंह, डॉ राज मुकुल, डॉ एहसानुल्लाह, डॉ कौशर रज़ा, डॉ नितिन कुमार, डॉ मनोहर कुमार, डॉ फिरोज आलम, डॉ नूरे-ए-समीर, डॉ नौशाद आलम, डॉ राग़िब आलम, डॉ निशु, डॉ नियाज़ुद्दीन अहमद, डॉ शोएब रज़ा, डॉ जवेद अख्तर, डॉ नग़मा खातून, डॉ निखत परवीन, डॉ पांडेय अचिंत, डॉ प्रज्वल कुमार, डॉ मितेश कुमार चौधरी, डॉ निशांत राय, डॉ नटराज कुमार, डॉ शिल्पी शामिल रहे.
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