पूर्णिया. अपने 10 सूत्री मांगों को लेकर प्रखंड, अंचल और समाहरणालय के लिपिकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल के 13 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार द्वारा अभी तक हड़ताली कर्मचारियों के प्रतिनिधि को वार्ता के लिए नहीं बुलाये जाने से कर्मचारियों में व्यापक रोष है. हड़ताल कर्मियों का कहना है कि लिपिक की मांगों को सरकार वर्षों से दरकिनार कर रही है, ग्रेडपे और पदोन्नति के मामले में लिपिकों के साथ भेदभाव की नीति अपनायी जा रही है. लिपिक संवर्ग का कहना है कि हमलोग सरकार के प्रमुख अंग के तरह काम कर रहे हैं बावजूद इसके इस तरह की उपेक्षा की जा रही है जिस वजह से सभी को हड़ताल के लिए मजबूर होना पडा. उनका कहना है कि अपनी जायज मांगों के पूरा होने तक इस बार हड़ताल के लिए सभी कमर कस चुके है. सरकार को सार्थक बातचीत करनी चाहिए अगर जल्द ही सरकार की ओर से कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया तो आंदोलन तेज करते हुए 25 अगस्त को पटना कूच करेंगे और वहीँ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठने को मजबूर होगें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

