पूर्णिया. जिउतिया जैसे पर्व में जहां माताएं अपने बेटे की सलामती की लिए उपवास रखती है वही एक मां ने नवजात बेटे को लावारिस की तरह फेंक दिया. मां एक ऐसा शब्द है जिसके लिए हर महिला लालायित रहती हैं आज वही एक महिला ने मां बनते ही नवजात बेटे को शहर के कप्तान पुल के नीचे लकड़ी के ढेर में फेंक कर चली गई. यह महज संयोग है कि कप्तान पूरा में अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए जो लोग आए थे, उनकी नजर उस मासूम पर पड़ी. उसे लोगों ने उठाया और सही सलामत अस्पताल पहुंचाया. वहां उनका उपचार हो रहा था लेकिन उन्हें उचित इलाज के लिए पटना रेफर किया गया. इस परिस्थिति में समाजसेवी हेना सईद ने अपने खर्चे से एंबुलेंस कराकर उसे बच्चों को पटना आइजीएमएस भेज कर मां के धर्म का पालन किया. इस पुनीत कार्य में के हाट थाना से श्वेता कुमारी, फणीश्वर नाथ रेणु टीओपी के दत्ता गिरी, इंचार्ज असगर खलीफा, सुमित प्रकाश, सागर कुमार एवं रविंद्र कुमार साह का विशेष योगदान रहा.
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