पूर्णिया : कोसी की धाराओं के रूख बदलने से 14 फरवरी 1770 में पूर्णिया जिला अस्तित्व में आया. फिर गंभीर बीमारियों से कालापानी की तोहमत लगी. तब सेहत के रखवालों ने यहां का रूख किया. 250 साल पूरे होने को है. कालापानी का दाग कब का धुल चुका है. सेहत की दुनिया में पूर्णिया की अपनी पहचान है.
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स्मृति यात्रा से महोत्सव का होगा आगाज
पूर्णिया : कोसी की धाराओं के रूख बदलने से 14 फरवरी 1770 में पूर्णिया जिला अस्तित्व में आया. फिर गंभीर बीमारियों से कालापानी की तोहमत लगी. तब सेहत के रखवालों ने यहां का रूख किया. 250 साल पूरे होने को है. कालापानी का दाग कब का धुल चुका है. सेहत की दुनिया में पूर्णिया की […]
मेडिकल कॉलेज के लोकार्पण में अब चंद महीने बचे हैं. ऐसे में जिलाधिकारी राहुल कुमार की पहल पर पुरैनिया महोत्सव के बहाने पूर्णिया के प्रथम सिविल सर्जन डॉ. पिकाची को याद किया जायेगा. 14 फरवरी को डॉ. पिकाची की स्मृति में शहर में यात्रा निकाली जायेगी. यह यात्रा प्रथम सिविल सर्जन की कोठी तक जायेगी.
रंगभूमि मैदान के बगल में थी प्रथम सिविल सर्जन की कोठी : कॉन्वेंट स्कूल के सामने से एक जर्जर सड़क रंगभूमि मैदान को जोड़ती है. इस सड़क के दक्षिणी छोर पर एक खंडहरनुमा भवन है. यही खंडहर कभी प्रथम सिविल सर्जन डॉ. पिकाची की कोठी थी. पूर्णिया विवि के डीन डॉ. गौरीकांत झा बताते हैं कि इस भवन में लंबे अर्से तक गृह रक्षा वाहिनी का संचालन हुआ. जबकि 1972 से पहले इसमें पूर्णिया कॉलेज का छात्रावास संचालित होता था.
स्मृति यात्रा को लेकर कोठी की साफ-सफाई : स्मृति यात्रा को लेकर प्रथम सिविल सर्जन की कोठी के आसपास पूरे परिसर की युद्धस्तर पर साफ-सफाई की जा रही है. संभावना है कि स्मृति यात्रा के समापन के बाइ इस कोठी को लेकर जिला प्रशासन कोई बड़ी घोषणा कर सकता है. चर्चा है कि इस कोठी का जीर्णोद्धार व संरक्षण करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर महत्वपूर्ण पहल की जाएगी.
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